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सड़क के लिए नदी पार कर पहुंचे ग्रामीण और बच्चे पर नहीं मिले मुख्यमंत्री!

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रिपोर्ट – पियुष कुमार

नाव से नदी पार कर सैकड़ो की संख्या में पहुंचे ग्रामीण और विद्यालय के बच्चे नहीं मिले नीतीश, कहा देश आजाद हो गया लेकिन गांव में आज तक नहीं बनी सड़क खाट पर जाते हैं मरीज और गर्भवती महिलाएं।

मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने करोड़ों रुपए के योजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास का सौगात देने के लिए कैमूर जिले के भभुआ के मुंडेश्वरी धाम और रामगढ़ प्रखंड के तियरा में आए हुए थे । रामगढ़ के तियरा पंप कैनाल के पास उनके आगमन की सूचना मिलते ही रामगढ़ प्रखंड के आंटडीह गांव के सैकड़ो महिला, पुरुष और स्कूल के बच्चे बच्चियां हाथों में नीतीश कुमार से मिलने का बैनर लेकर खड़ी थी। जिसमें लिखा था कि हम अपने संपर्क मार्ग के लिए मुख्यमंत्री विकास पुरुष नीतीश कुमार से मिलकर अपनी बात कहना चाहते हैं। तो किसी दूसरे बैनर पर लिखा था गर्भवती महिलाएं रोती रोड बिना बेटा बेटी खोती उसके बावजूद जिला प्रशासन नीतीश कुमार तक उनकी बातों को पहुंचने तक नहीं दिया। यह सभी महिला पुरुष गांव में सड़क नहीं होने को लेकर सड़क की मांग करने आए थे । इनका कहना था का आजादी के बाद से आज तक सड़क बना ही नहीं है, जिससे काफी परेशानी हो रही है। यहां तक कि जब नीतीश कुमार नहीं मिले तो एक विद्यालय की बच्ची हाथों में गुलदस्ता लेकर नीतीश कुमार के हेलीकॉप्टर की तरफ दौड़ गई। वहां मौजूद सुरक्षा कर्मियों द्वारा दौड़कर उस बच्ची को रोका गया। जिला प्रशासन की व्यवस्था से नाराज होकर लोगों ने उनके जाने के बाद जमकर भड़ास निकाले। उनको समझाने में प्रशासन के पसीने छूट गए ।

आँट डीह गांव की फूलमती कुंवर , मुंशीला देवी और जितेंद्र कुमार राम ने बताया नितीश भैया से मिलने तियरा गांव में आए हुए हैं । चारों दिशा में किसी दिशा से हम लोग के गांव का निकास की व्यवस्था नहीं है । हम लोग नाव पर बैठकर नदी पार करके यहां तक पहुंचे हैं। आज भी गर्भवती महिला को खटिया पर टांग कर लेकर जाना पड़ता है, 500 की संख्या में आंट डीह गांव से नीतीश भैया से मिलने आए हैं। हम लोग को रोड और नदी पर पुल की मांग है। कई अधिकारियों से हम लोगों ने गुहार लगाया लेकिन किसी ने नहीं सुना। तब जाकर नीतिश कुमार से मिलने के लिए आए हैं । गांव में दो तरफ से सड़क तो है लेकिन 300 फीट की दूरी में यह सड़क बना ही नहीं है, जिससे बहुत परेशानी हो रही है। बच्चा बच्ची गर्भवती महिला कोई नहीं निकल पाता है। खाट पर टांग कर मरीजों को ले जाना पड़ता है।

आट डीह गांव की विद्यालय की छात्रा ने बताया हमारे गांव में सड़क नहीं है। छात्र बड़े बुजुर्ग और गर्भवती महिलाओं को बहुत ज्यादा परेशानी होती है। इमरजेंसी रात को पड़ जाए तो रात को भी जाना संभव नहीं है। नदी में पानी बहुत ज्यादा होने के बावजूद भी हम लोग नाव से यहां तक पहुंचे हैं कि हम अपनी समस्या को मुख्यमंत्री के सामने कह पाएंगे। लेकिन यहां की फोर्स हम लोग को मिलने नहीं दे रही है।

बाइट – फूलमती कुंवर , मुंशीला देवी और जितेंद्र कुमार राम
@⁨Ravi Sharma⁩

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