अरविंद कुमार
बिहार सरकार के जीरो टॉलरेंस के बाबजूद खुदरा उर्बरक बवसाई प्रताड़ित हो रहे है थोक उर्बरक बवसाई के करतूत पर प्रशासन भी मौन धारण किये हुए है GST बिक्री प्रपत्र दर से ज्यादा पैसा उगाही किया जाता है थोक उर्बरक बवसाई के द्वारा।हालांकि कृषि पदाधिकारी का साफ कहना है कि हमे किसानों को 266.50 पैसा पर उपलब्ध कराना है थोक उर्बरक दर सरकार के द्वारा निर्धारित नही की गई है।वही GST कानून की उलंघन करते थोक उर्बरक बवसाई पर जिला प्रशासन रोक लगाने में पूर्णतः बिफल हो रही है।GST कानून के अनुसार GST बिल प्रपत्र दर से देना होता है उर्बरक साथ ही खुदरा बिक्री पर 6 से 8 % का मुनाफा भी आवश्यक है।परन्तु यहां थोक बवसाई के द्वारा 243 रुपया का GST बिल प्रपत्र के बाबजूद 260 रुपया से पेमेंट लिया जाता है फिर खुदरा बवसाई पलदारी एवम दुकान किराया आदि 10 रुपया खर्च होने पर नुकसान में बावसाय कैसे करने खुदरा बवसाई। सरकार के इस कानून को उनके ही अधिकरी ठेंगा दिखा रहे है । ऐसा आरोप हम नहीं बल्कि इस विभाग से जुड़े सैकड़ो खुदरा उर्वरक विक्रेताओं ने अधिकारियो पर लगाया है ।
VO—1—-मामला है कि किसानों के लिए सरकार द्वारा उर्वरक बिक्री का एक निर्धारित दर तय कर दिया गया है जिसमे यूरिया 266. 50 रुपए के दाम पर ही किसानों को देना है और उसी निर्धारित दर पर खुदरा उर्वरक विक्रेता किसानों से उर्वरक बिक्री कर भी रहे है।लेकिन समझने वाली बात ये है कि थोक बिक्रेताओं से खुदरा विक्रेताओं के बिच उर्वरक बिक्री का कोई दर इस जिले में तय नहीं किया गया है जिस कारन थोक विक्रेता खुदरा से खुदरा विक्रेताओं को उर्वरक मनमानी दर पर खरीदने को मजबूर हैं।और यही पर सरकार के जीरो टॉलरेंस की नीति पर सवाल उठ रहा है । साथ ही आरोप लगाने वाले भी इसी मुद्दे पर सवाल उठाते हुए कह रहे है कि थोक और खुदरा विक्रेताओं के बीच उर्वरक के दामो को निर्धारित दर तय नहीं करने के पीछे का वजह है घपलेबाजी ।
हलाकि मगध प्रमंडल के संयुक्त निदेशक ने सरकार के आदेश से एक कदम आगे बढ़ कर एक आदेश निकाला है जिसमे खुदरा और थोक विक्रेताओं के बीच उर्वरक बेचने का एक निश्चित दर तय कर दिया है जिससे प्रमंडलीय छेत्र में उसी दर से थोख विक्रेता खुदरा विक्रता को उर्वरक उपलब्ध करा रहे है ताकि बिचौलियों का घपलेबाजी का खले न हो सके।उनके आदेश का ये पत्र आपके सामने है। ठीक उसी तरह खुदरा विक्रेता इस जिले में भी मांग कर रहे है ताकि उन्हें थोख बिक्रेताओं के मनमानी से निजात मिल सके और उनके व्यवसाय में मुनाफा हो सके । लेकिन वर्तमान स्थिति में क्या है इनकी परेशानी जरा आप भी सुनीय ।हालाकि इस पुरे मामले पर जब जिले के कृषि पदाधिकारी से सवाल पूछ गया तो वो भी यही बात कह रहे है कि किसानों को जीरो टॉलरेंस के नीति के आधार पर उर्वरक उपलब्ध कराया जा रहा है बात भी सही है पर थोक और खुदरा विक्रेताओं के बीच जो उर्वरक के दामो का खेल चल रहा है उस मामले पर कुछ साफ जवाब नहीं दे पाए ।
क्या कहा कृषि पदाधिकारी ने जरा सुनिये….इन सब के बीच आपको बतादें कि उवर्रक के थोख दर नहीं निर्धारित होने के कारण शोषित त्रस्त जिले के सभी खुदरा विक्रेताओं ने विभाग के अधिकारियो और बिचौलियों के विरूद्ध मोर्चा खोल दिया है ।और इसी को लेकर आज शहर के नरसिंह बाबा मंदिर के प्रांगण में खुदरा विक्रेताओं का जमावड़ा हुआ । जहाँ कई तरह के आरोप सामने आए । हलाकि इस पुरे खेल का हकीकत तभी सामने आएगा जब इस मामले में उच्च स्तरीय जांच हो । तब जाकर पता चलेगा कि जीरो टॉलरेंस का दावा किसका जायज है ।