सनातन की संस्कृति औऱ संस्कार से राजद को घबराहट क्यो?-विजय कुमार सिन्हा!

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:- रवि शंकर अमित!

सनातन धर्म को अपमानित करने वाले मंत्री को करें मुख्यमंत्री वर्ख़ास्त, जदयू को भी त्यागना होगा दोहरा चरित्र,कथनी औऱ करनी में लाना होगा समानता,

एन डी ए शासन काल में हुए विकास औऱ सुशासन को अपने आसुरी प्रवृत्ति से ध्वस्त कर रहा है राजद,

नीतीश कुमार की छवि औऱ विश्वसनीयता को राजद के मंत्रियों और विधायकों के कारण धूमिल।

पटना,8 जनवरी 2024

बिहार विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष श्री विजय कुमार सिन्हा ने कहा है कि राम मंदिर विरोधी राजद को सनातन की संस्कृति औऱ संस्कार से घबराहट हो रही है।सनातन की संस्कृति औऱ सन्तानों का अपमान इनकी दिनचर्या बन गई है।

श्री सिन्हा ने कहा कि एक तरफ तेजस्वी यादव सजायाफ्ता पिता को लेकर धर्म स्थल जाते हैं।वहाँ सपरिवार मुंडन भी कराते हैं।तो दूसरी तरफ चंद्रशेखर, फतेह वहादूर और अनिता देवी से सनातन के सन्तानों और देवताओं को अपमानित कराने का वयान दिलवाते हैं।यह आपत्ति जनक औऱ निंदनीय है।तुष्टिकरण के लिये कितना नीचे गिरेंगे कहना मुश्किल है।

श्री सिन्हा ने कहा कि मुख्यमंत्री को चाहिए कि वे राजद के मंत्रियों को हिंदू धर्म विरोधी आचरण औऱ गतिविधियों के कारण शीघ्र वर्ख़ास्त करें। इन विधर्मियों के साथ मिलकर सरकार चला रहे जदयू को भी अब अपना रुख स्पष्ट करना चाहिए।मात्र वयान देने से नहीं होगा।यदि जदयू इनके सनातन विरोधी गतिविधियों और वयान से असहमत है तो दोहरा चरित्र का त्याग करना होगा।कथनी और करनी एक करना होगा।

श्री सिन्हा ने कहा कि एन डी ए शासन काल में राज्य में विकास हुआ।सुशासन कायम हुआ।जंगलराज और माफिया राज से बिहार को मुक्ति मिली।पर राजद के शासन में आते ही सभी ध्वस्त हो गए।इनकी आसुरी प्रवृत्ति से बिहार में फिर से जंगलराज, गुण्डाराज, माफिया राज का बोल वाला हो गया।भ्रष्टाचार औऱ अपराध के कारण बिहार की वदनामी चरम पर है।इससे मुक्ति के लिए राज्य की जनता छटपटा रही है।

श्री सिन्हा ने कहा कि राजद ने साजिश के तहत बिहार को अंधेरे में धकेल दिया।नीतीश कुमार की छवि को धूमिल कर और उनकी विश्वसनीयता को खत्म किया।अब उन्हें अपदस्थ कर तेजस्वी को मुख्यमंत्री बनाने का खेल कांग्रेस की मदद से खेला जा रहा है।

श्री सिन्हा ने कहा कि राज्य की जनता राजद के सनातन संस्कृति विरोधी गतिविधियों से आहत हैं।सनातन के सन्तानों को एक होता देख फिर से जातीय लहर पैदा करने का खेल कर रहे है।तुस्टीकरण से लाभ लेना चाहते हैं।जनता समझ चुकी है।आगामी लोकसभा औऱ विधानसभा चुनावों में इन्हें खामियाजा भुगतना पड़ेगा।

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