नवादा- विशेष अभियान के तहत 18 साइबर अपराधी गिरफ्तार!

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रिपोर्ट – मनोज कुमार!

जिले की साइबर पुलिस ने साइबर अपराध को समाप्त करने की अभियान को लेकर दो ठिकाने से 18 साइबर अपराधी को गिरफ्तार कर भेजे जेल,साइबर अपराधियो के विरोध दूसरे दिन भी की गई छापेमारी।
जिले में साइबर अपराधियो को वर्चस्व को कमजोर करने के लिए जिले के डीएम आशुतोष कुमार वर्मा तथा एसपी अंब्रिश राहुल की संयुक्त निर्देश पर साइबर पुलिस उपाधीक्षक सह थानाध्यक्ष प्रिया ज्योति की नेतृत्व में एक एसआईटी टीम गठित कर साइबर अपराधियों की वर्चस्व को कमजोर करने के लिए लगातार छापेमारी की जा रही है। साइबर पुलिस उपाधीक्षक प्रिया ज्योति ने साइबर थाने में प्रेस कांफ्रेंस कर बताया कि साइबर अपराधियो की वर्चस्व समाप्त करने की अभियान चलाकर वारिसलीगंज थाना क्षेत्र के पैगरी तथा चकवाय वलवापर गांव की बधार से करीब 18 साइबर अपराध में संलिप्त अपराधी को गिरफ्तार किया गया है,जिसके पास करीब 42 मोबाइल,14 सिम,01 बाइक,11 कॉपी,150 पेज की कस्टमर डाटा तथा एक लाख दो हजार नगदी बरामद की गई है।साइबर उपाधीक्षक ने बताया है कि पैगरी गांव के बगीचे से नौ अपराधी को गिरफ्तार की गई है वही चकवाय ब्लवापार गांव की बाहरी तालाब पर से नौ साइबर अपराधी की गिरफ्तारी हुई है,सभी गिरफ्तारी अपराधियो की पहचान नालंदा जिले के कतरीसराय थाना क्षेत्र की मायाबिगहा गांव निवासी कृष्णंदन महतो के पुत्र 39 वर्षीय दीपक कुमार जो ससुराल पैगरी में ही रहकर साइबर गैंग संचालित करता था,वही दीपनगर थाना क्षेत्र के मघड़ा गांव निवासी प्रदीप कुमार के 25 वर्षीय बेटे प्रिंस कुमार,दीपक कुमार,वारिसलीगंज थाना क्षेत्र के पैगरी गांव के मुन्ना वर्मा के 30 वर्षीय पुत्र सूरज कुमार,अनिल प्रसाद के 37 वर्षीय पुत्र राजेश कुमार,आनंदी सिंह के 25 वर्षीय पुत्र पूर्णेंदु कुमार,अशोक सिंह के 25 वर्षीय पुत्र गौतम कुमार,विनोद सिंह के 32 वर्षीय पुत्र चंदन कुमार,अशोक गराई के 32 वर्षीय पुत्र प्रशांत कुमार, चकवाय वलवापर गांव निवासी लखन राम के 25 वर्षीय पुत्र शंकर कुमार,राजपाल कुमार,अलखदेव पांडेय के 40 वर्षीय पुत्र शशिभूषण पांडेय,दीपक राउत के 18 वर्षीय पुत्र कारू कुमार,रविंद्र पंडित के 44 वर्षीय पुत्र राजेश रंजन,राजेश राम के 30 वर्षीय पुत्र मंटू कुमार,शिवचरण राम के 20 वर्षीय पुत्र चंदन कुमार,मंगल राम के 19 वर्षीय पुत्र राजू कुमार,सुरेश तांती के 22 वर्षीय पुत्र मंटू कुमार के रूप में हुआ है। ये लोगो के द्वारा भोले भाले लोगो को मोबाइल से घनी फाइनेंस,बजाज फाइनेंस तथा इस्लामिक फाइनेंस की नाम पर आसान किस्तों में लोन दिलाने की नाम पर ठगी किया करता था।यह लोगो नेटवर्क प्रोबलम को लेकर गांव की बाहर अपना ठिकाना बनाकर मोबाइल की सहारे लोगो को अपने जाल में फंसा कर विभिन्न तरह की प्रलोभन देकर रुपया ठगी किया करता था। सभी गिरप्तार साइबर अपराधियो के विरोध साइबर थाना कांड स. 61/23 की तहत आई टी एक्ट की विभिन्न धाराओं में प्राथमिकी दर्ज कर न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया है।गौरतलब है कि जिलाधिकारी की निर्देश पर साइबर अपराधियो के विरोध शनिवार को भी विभिन्न साइबर पुलिस उपाधीक्षक की नेतृत्व में साइबर पुलिस निरीक्षक सुजय विद्यार्थी,वारिसलीगंज सर्किल इंस्पेक्टर संजीव कुमार तथा थानाध्यक्ष आशीष कुमार मिश्रा सहित स्वैट पुलिस की सहयोग से शनिवार को भी दूसरे दूसरे ठिकाने पर छापेमारी की गई है।यह अभियान जड़ मूल से साइबर अपराध को समाप्त करने की मिशन की तहत करवाई की जा रही है।
साइबर अपराधी वारिसलीगंज इलाके की एक अवैध कुटीर उधोग का रूप ले रखा है,यह नालंदा जिले के कतरीसराय से शुरू हुई थी जो आज वारिसलीगंज, पकरीबरामा, काशीचक,सहित शेखपुरा जिले के शेखुपुर सराय गांव की विभिन्न गांव में बच्चे बच्चे इस चकाचौध में आकर लगातार जुड़ते जा रहे है,शायद ही किसी सप्ताह होगा की किसी दूसरे राज्य की पुलिस की दस्तक नही होती होगी।लेकिन बाहरी पुलिस आने के बाद ही बड़े सफलता मिल पाती है अन्यथा स्थानीय पुलिस की करवाई ढाक की तीन पात ही रह जाती है।दो दिन पहले ही हरियाणा पुलिस ने शाहपुर ओपी पुलिस की सहयोग से एक बड़ा साइबर अपराधी की रेवड़ा गांव से गिरप्तारी की है,जिसकी एक माह में करीब 11 करोड़ रुपए की ट्रांजेक्शन हुआ है।ऐसे यह कोई पहली बड़ा साइबर अपराध की मामला नहीं है,इसके पहले भी बड़े बड़े साइबर अपराधी दबोचे गए,लेकिन करवाई के बाद मामले ठंडे बस्ते में चली जाने के बाद ही यह साइबर अपराध से जुड़े अपराधी रुकने की बजाय बढ़ते चला जाता है,ऐसे जरूरत है इस साइबर अपराधियो के विरोध सतत अभियान चलाने की तब कही कुछ अंकुश लग सकती है।इसके साथ साथ साइबर अपराध से अकूत बनाए गए संपत्ति जब्त करने की एक अलग कानून बनाने की जरूरत है।जब तक स्थानीय पुलिस की संरक्षण मिलते रहेगी तब तक रुकने की बजाय बढ़ते चले जायेंगे।आज यह यकीन किया जाय तो नवादा जिले के वारिसलीगंज इलाके झारखंड की जामताड़ा को भी पीछे छोड़ दिया है।प्रति सप्ताह इस इलाके से साइबर की खेल में करोड़ो की कमाई की जाती है।इलाके की किसी गांव में प्रवेश बाद आलीशान मकान तथा चमचमाती कार साइबर की निशाने बताती है।ऐसे अब देखना है जिलाधिकारी की निर्देशित मिशन कितना सफल हो पाती है जिन्होंने साइबर अपराध की विरोध लगातार करवाई की आदेश दे रखा है।

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