:- रागिनी शर्मा (विशेष संवाददाता)

आज विश्व साईकिल दिवस है इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने साईकिल योजना की शुरुआत का उदाहरण देते हुये कहा कि
“दो पहियों की छोटी सी साइकिल ने बिहार में ठोस सामाजिक क्रांति का सूत्रपात किया है। इसने प्रदेश की बेटियों में आत्मविश्वास जगाया है। साइकिल, पोशाक और अन्य प्रोत्साहन योजनाओं के कारण मैट्रिक परीक्षा में छात्राओं की संख्या छात्रों के बराबर हो गई है।
जब हमने साइकिल योजना की शुरुआत की थी, पटना तक में लड़कियां खुलेआम साइकिल नहीं चलाती थीं। इस योजना ने तत्काल लोगों की सोच बदल दी। गांव-गांव में बेटियों को बिना किसी भय या संकोच के साइकिल की सवारी करते देख कर जो संतोष मिलता है, वह अतुलनीय है।
बिहार में पहले लड़कियों की उच्च शिक्षा के लिए कोशिश नहीं की जाती थी। पर, साइकिल सहित विभिन्न प्रोत्साहन योजनाओं के जरिए उनमें पढ़ने के प्रति ऐसी ललक पैदा हुई, कि आज उच्च शिक्षा से लेकर प्रतियोगी परीक्षाओं तक में बिहार की छात्राएं मजबूत उपस्थिति दर्ज करा रही हैं।”
मुख्यमंत्री ने इस प्रकार साईकिल दिवस पर अपनी भावनाएँ प्रकट की जो दिल को छूता हुआ प्रतीत होता है।