एस एन श्याम / अनमोल कुमार
पटना।बिहार में अपराधियों के बुलंद हौसले और खासकर राजधानी पटना में ताबड़ तोड़ हो रहे हैं अपराध पर लगाम लगाने के लिए बिहार पुलिस का ऑपरेशन लंगड़ा जोर पकड़ने लगा है।
पुलिस की बंदूके जो बताशा हो गई थी वह अब आग उगलने लगी है। बिहार पुलिस ने मात्र तीन दिनों के भीतर पांच एनकाउंटर में कई कुख्यात अपराध कर्मियों को लंगड़ा बना दिया है।
उत्तर प्रदेश की तर्ज पर बिहार में भी ऑपरेशन लंगड़ा की कामयाबी के लिए पुलिस अधिकारियों में होड़ लगी हुई है।
तीन दिनों के भीतर पुलिस ने पांच एनकाउंटर कर अपराध कर्मियों को लंगड़ा बना दिया है।
पहला मामला 12 जून के राजधानी पटना का है। हत्या के एक आरोपी यीशु कुमार को पुलिस बिहटा से गिरफ्तार कर पटना ला रही थी। रास्ते में शौच जाने का बहाना बनाकर इशू रात के अंधेरे में भागने लगा। पुलिस ने बार-बार उसे रोकने की चेतावनी दी। परन्तु भाग रहे अपराधी को रोकने के लिए पुलिस ने उसके पैर में गोली मार दी। 12 13 जून की रात में ही हाजीपुर सदर थाना क्षेत्र के डिग्गी कला पूर्व गांव में एक अपराधी को पकड़ने गई पुलिस एवं अपराधियों के बीच देर रात मुठभेड़ हो गई ।इसमें राजीव माली नामक अपराधी ने पुलिस पर फायरिंग झोंक दिया ।जवाबी कार्रवाई में पुलिस ने भी गोलियां चलाकर राजीव माली भी लंगड़ा बना दिया।
13 जून को मुजफ्फरपुर के सरैया थाना क्षेत्र के रीवा गांव में हिरासत से भगाने के दरमियान राहुल उर्फ राइडर ने पुलिस का पिस्तौल छीन कर पुलिस पर फायरिंग शुरू कर दी ।छापामारी दल में शामिल सरैया थाना पुलिस ने भी जवाबी कार्रवाई की जिसमें राइडर को भी लंगड़ा होना पड़ा।
इसी दिन पटना के दानापुर में भी गिरफ्तार अपराधी श्रवण कुमार हथियार बरामदगी के लिए पुलिस को एक अड्डे पर ले गया और छापामारी दल के पुलिस कर्मियों पर गोली चलाने लगा। पुलिस ने भी जवाबी कार्रवाई की और सरवन कुमार भी पुलिस की गोलियों का शिकार हो गया।
14 जून को पटना सिटी के खुसरूपुर में अपराधी एवं पुलिस के बीच हुई मुठभेड़ में कुख्यात अपराध अंकेश के भी पैर में गोली लगने की खबर है।
बहरहाल बिहार पुलिस के ऑपरेशन लंगड़ा के बढ़ते प्रभाव को लेकर बिहार के अपराध जगत में दहशत का माहौल है। देखना है बिहार पुलिस का ऑपरेशन लंगड़ा बिहार में कानून व्यवस्था की शासन के लिए कितना सहायक होता है और अपराधियों के नकेल कसने में ऑपरेशन को सफलता मिलती है