रिपोर्ट-विक्रम उपाध्याय/खगड़िया
खगड़िया, दिनांक 13 जून 2025:
जिलाधिकारी खगड़िया श्री नवीन कुमार द्वारा आज संभावित बाढ़ पूर्व तैयारियों के तहत जिले के विभिन्न नदी तटबंधों और बाढ़ प्रवण क्षेत्रों का स्थलीय निरीक्षण किया गया। निरीक्षण के दौरान उन्होंने जल संसाधन विभाग, खनन विभाग और अन्य संबंधित विभागों के अधिकारियों के साथ क्षेत्र की वर्तमान स्थिति की समीक्षा की और आवश्यक निर्देश दिए। निरीक्षण के दौरान आपदा प्रबंधन प्रभारी पदाधिकारी एवं सहायक आपदा प्रबंधन पदाधिकारी भी उपस्थित रहे।
निरीक्षण की शुरुआत टेहिलर पंचायत से हुई, जहां जिलाधिकारी ने देखा कि नदी का बहाव तटबंध की ओर मुड़ गया है, जिससे तटबंध पर दबाव बढ़ने की संभावना है। उन्होंने वहां तत्काल सोल लूज़निंग कार्य आरंभ करने का निर्देश दिया ताकि नदी की चौड़ाई बढ़ाई जा सके और जल प्रवाह का दबाव कम किया जा सके। उन्होंने स्पष्ट कहा कि इस कार्य में किसी भी प्रकार की ढिलाई बर्दाश्त नहीं की जाएगी।
इसके बाद वे बरुण क्षेत्र पहुंचे। यहां की स्थिति तुलनात्मक रूप से ठीक पाई गई, लेकिन एक अवैध रूप से कार्यरत जेसीबी मशीन स्थल पर मिलने पर उन्होंने खनन पदाधिकारी को निर्देश दिया कि तत्काल प्राथमिकी दर्ज कराई जाए और अवैध खनन पर सख्त कार्रवाई सुनिश्चित की जाए।
गांधीनगर निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने पाया कि 2-3 स्थानों पर कटाव की स्थिति बनी हुई है। उन्होंने जल संसाधन विभाग के अधिकारियों को त्वरित फ्लड फाइटिंग कार्य शुरू करने के निर्देश दिए और मौके पर उपस्थित अभियंताओं से कार्य योजना की जानकारी ली।
बलतारा गांव में निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने देखा कि वर्ष 2022 में किए गए बाढ़ सुरक्षा कार्य बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो चुके हैं और नदी तल गहराई में कट चुका है। इसपर उन्होंने शीघ्र पुनर्स्थापनात्मक कार्य आरंभ करने और लंबी अवधि के स्थायी समाधान की योजना बनाने को कहा।
लौंगा पंचायत में निरीक्षण के समय स्थिति अत्यंत दयनीय पाई गई। पूर्व में हुए फ्लड फाइटिंग कार्य पूर्णतः नष्ट हो चुके थे। जिलाधिकारी ने यहां प्राथमिकता के आधार पर पुनः कार्य प्रारंभ करने का निर्देश दिया और स्पष्ट किया कि यहां किसी उच्चस्तरीय रिपोर्ट का इंतजार किए बिना फील्ड-लेवल कार्रवाई की जानी चाहिए।
इसके उपरांत वे बिररबास पहुंचे, जहां तटबंध पर किए गए कटाव निरोधक कार्य संतोषजनक स्थिति में पाए गए। उन्होंने विभागीय टीम की सराहना करते हुए नियमित निगरानी बनाए रखने का निर्देश दिया।
अंत में जिलाधिकारी ने मथुरापुर का निरीक्षण किया, जहां स्लूइस गेट का मरम्मत कार्य चल रहा था। हालांकि मौके पर संबंधित कार्य के जूनियर इंजीनियर (JE) और सहायक अभियंता (AE) अनुपस्थित पाए गए, जिस पर उन्होंने कारण बताओ नोटिस (शोकॉज) जारी करने के निर्देश दिए।
साथ ही, उन्होंने देखा कि मथुरापुर में चल रहे फ्लड फाइटिंग कार्य गुणवत्तापूर्ण नहीं हैं और कार्यस्थल पर प्रकाश व्यवस्था भी पर्याप्त नहीं है। इस पर जिलाधिकारी ने एफसीडी-1 के अभियंता को तत्काल समुचित लाइटिंग की व्यवस्था करने तथा कार्य को नाइट शिफ्ट में भी जारी रखने के निर्देश दिए, ताकि कार्य समय पर पूर्ण हो सके।
निरीक्षण के दौरान जिलाधिकारी ने कहा कि बाढ़ की विभीषिका से बचाव के लिए समय पर और सटीक तैयारी अत्यंत आवश्यक है। सभी विभाग समन्वय के साथ कार्य करें ताकि जनसुरक्षा को प्राथमिकता दी जा सके। उन्होंने अधिकारियों से कहा कि प्रत्येक बिंदु पर सतर्कता बरतें और गुणवत्ता से कोई समझौता न हो।