मथुरा – वृंदावन कारिडोर निर्माण का विरोध नहीं, संतुलित विकास का समर्थन

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रिपोर्ट अनमोल कुमार

वृंदावन। कोरिडोर निर्माण का विरोध नहीं, संतुलित विकास का समर्थन — भारतीय चरित्र निर्माण संस्थान
वृंदावन: मथुरा-वृंदावन में चल रहे कोरिडोर निर्माण के विरोध के बीच, भारतीय चरित्र निर्माण संस्थान ने एक संतुलित और व्यावहारिक रुख अपनाते हुए कोरिडोर निर्माण का समर्थन किया है, बशर्ते स्थानीय सेवायतों, श्रद्धालुओं एवं मंदिरों के हितों की रक्षा सुनिश्चित की जाए।
दिनांक 6 जून, 2025 को वृंदावन के बांके बिहारी मंदिर क्षेत्र में ब्रज भूमि कल्याण परिषद के राष्ट्रीय अध्यक्ष श्री बिहारीलाल वशिष्ठ जी से भारतीय चरित्र निर्माण संस्थान के राष्ट्रीय महासचिव श्री स्वामी कृष्णानंद जी ने मुलाकात कर इस विषय पर गहन चर्चा की।
मुख्य बिंदु जो चर्चा में उभर कर आए:
भक्तों की सुरक्षा सर्वोपरि: प्रतिदिन 50,000 से 1 लाख श्रद्धालु वृंदावन पहुंचते हैं। तंग गलियाँ, अव्यवस्थित मार्ग और भीड़ की स्थिति को देखते हुए कोरिडोर निर्माण जरूरी है ताकि आपदा या भगदड़ जैसी घटनाओं से बचा जा सके।
विरोध नहीं, संवाद जरूरी: यदि ब्रज तीर्थ विकास बोर्ड यह योजना श्रद्धालुओं की सुविधा और सुरक्षा हेतु बना रहा है तो जनता को इसका स्वागत करना चाहिए, न कि विरोध।
स्थानीय सेवायतों के अधिकार सुरक्षित रहें:
जो लोग वर्षों से मंदिर सेवा में लगे हैं, उनका अधिकार बना रहे।
यदि किसी की संपत्ति को कोरिडोर निर्माण में नुकसान होता है तो वर्तमान बाजार दर पर मुआवजा मिले।
सरकारी अभिलेखों में दर्ज मंदिरों का पुनर्निर्माण सुनिश्चित किया जाए।
जनसंवाद की आवश्यकता:

यदि सरकार इन मांगों को ध्यान में रखते हुए जनता से संवाद स्थापित करती है, तो ब्रज भूमि कल्याण परिषद और भारतीय चरित्र निर्माण संस्थान इस परियोजना के साथ हैं।
भारतीय चरित्र निर्माण संस्थान समाज, संस्कृति और राष्ट्रहित में सदा सकारात्मक सोच और समन्वय के साथ कार्य करता आया है। वृंदावन का विकास परंपरा और भावनाओं को साथ लेकर ही हो — यही संस्थान की अपेक्षा है।

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