रिपोर्ट- सुमित कुमार!
मुंगेर के बरियारपुर थाना क्षेत्र से एक दर्दनाक हादसा सामने आया है। विजयनगर गांव में सेफ्टी टंकी का सेंट्रिंग खोलने के दौरान जहरीली गैस की चपेट में आने से चार मजदूर बेहोश हो गए, जबकि एक मजदूर की मौत हो गई। हादसे के बाद गांव में अफरा-तफरी मच गई।
घटना बरियारपुर थाना क्षेत्र के विजयनगर गांव की है, जहां मुन्नी मंडल के घर पर बनी सेफ्टी टंकी का सेंट्रिंग शनिवार की दोपहर को खोला जा रहा था। जानकारी के मुताबिक, ठेकेदार सुदय मंडल की देखरेख में पांच मजदूर टंकी के अंदर एक-एक कर उतरे। लेकिन अंदर जहरीली गैस होने के कारण सभी मजदूर दम घुटने से बेहोश होने लगे।
स्थानीय लोगों ने जब शोरगुल सुना तो बचाव कार्य शुरू किया। रस्सी की मदद से एक मजदूर को बाहर निकाला गया, लेकिन बाकी चार को नहीं निकाला जा सका। हालात बिगड़ते देख ग्रामीणों ने टंकी की दीवार तोड़कर चारों मजदूरों को बाहर निकाला।
सभी को तत्काल बरियारपुर बाजार स्थित एक निजी अस्पताल ले जाया गया, जहां से गंभीर हालत में उन्हें बरियारपुर प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र और फिर मुंगेर सदर अस्पताल रेफर किया गया। अस्पताल में डॉक्टर हेमंत कुमार ने 24 वर्षीय राजेश कुमार को मृत घोषित कर दिया, जबकि सुदय मंडल (35), कैलाश मंडल (30) और सौरभ कुमार (26) का इलाज जारी है।
प्रत्यक्षदर्शी बोले :-
“चारों मजदूरों को गंभीर हालत में लाया गया था, इनमें से एक की पहले ही मौत हो चुकी थी। बाकी तीन का इलाज जारी है। गैस के कारण दम घुटने की आशंका है।”
“सुदय ठेकेदार के कहने पर हम लोग सेंट्रिंग खोलने गए थे। जैसे ही टंकी के अंदर घुसे, सबका दम घुटने लगा और हम बेहोश हो गए। गांव वालों ने जैसे-तैसे हमें बाहर निकाला।
“दो महीने पहले टंकी बनी थी लेकिन सेंट्रिंग नहीं खोला गया था। हमें अंदाज़ा नहीं था कि ऐसा हादसा हो जाएगा।”
ग्रामीणों के मुताबिक, टंकी में दो महीने से गैस भरती जा रही थी, लेकिन इसे खोले जाने से पहले कोई सेफ्टी जांच नहीं की गई। हादसे के बाद पूरे गांव में शोक और डर का माहौल है।
घटना ने एक बार फिर निर्माण कार्यों में सुरक्षा मानकों की अनदेखी पर सवाल खड़े कर दिए हैं। सवाल यह भी है कि क्या मजदूरों को बिना किसी सुरक्षा उपकरण के टंकी में उतारना लापरवाही नहीं थी? प्रशासन को अब इसकी जांच कर जिम्मेदारों पर कार्रवाई करनी होगी।