रिपोर्टर — राजीव कुमार झा
अपने बचाव के लिए पत्रकार को पुलिस ने किया था गिरफ्तार कर प्रताड़ित
मधुबनी जिला के हरलाखी थाना में पदस्थापित एएसआई प्रमोद कुमार और चौकीदार अजय कुमार को रिश्वत लेते व मांगते हुए वायरल वीडियो के आधार पर मधुबनी पुलिस अधीक्षक योगेन्द्र कुमार ने तत्काल प्रभाव से निलंबित कर विभागीय कार्रवाई हेतु अनुशंसा की है। वायरल वीडियो की जांच में आरोपों को सत्य पाए जाने के बाद ये कार्रवाई किया गया है। लेकिन इस तरह के कार्रवाई से पहले, एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है। इस घूसकांड को उजागर करने वाले स्थानीय पत्रकार हरि शम्भू को पुलिस ने घर से उठा लिया और बर्बरतापूर्वक पीटकर गंभीर रूप से घायल कर दिया। डीजीपी विनय कुमार को भेजे गए विस्तृत शिकायत पत्र में पत्रकार ने न्याय की गुहार लगाई है। पत्रकार हरि शम्भू ने आरोप लगाया है कि 20 मई की रात लगभग 8 बजे हरलाखी थानाध्यक्ष अनूप कुमार व अपर थानाध्यक्ष आदित्य कुमार भारी पुलिस बल के साथ उनके घर पहुंचे और उन्हें बिना किसी गिरफ्तारी वारंट या केस दर्ज किए जबरन घर से उठाकर बेनीपट्टी थाना ले जाया गया। वहां डीएसपी निशिकांत भारती ने कथित रूप से पीटा और गाली-गलौज की। 22 घंटे तक बिना खाना पानी और किसी कानूनी प्रक्रिया के हिरासत में पत्रकार को रखा गया। पत्रकार ने बताया है कि उनसे जबरन यह लिखवाया गया कि वायरल वीडियो फर्जी है, उनका मोबाइल भी फॉर्मेट करवा दिया गया और धमकी देकर बयान दर्ज किया गया। गंभीर हालत में जब पत्रकार को छोड़ा गया, तो परिजनों ने उन्हें मधुबनी सदर अस्पताल में भर्ती कराया। सीटी स्कैन में सिर में अंदरूनी चोट की पुष्टि हुई है। फिलहाल वे लगातार सिरदर्द, चक्कर और कमजोरी की शिकायत कर रहे हैं। वही पत्रकार हरि शम्भू ने बताया है कि उन्हें पहले से आशंका थी कि रिश्वतखोर पुलिसकर्मी उनके खिलाफ साजिश कर सकते हैं। डीजीपी के हस्तक्षेप के बाद एएसआई प्रमोद कुमार और चौकीदार अजय कुमार को निलंबित कर दिया गया, लेकिन पत्रकार को प्रताड़ित करने वाले अधिकारियों के विरुद्ध अब तक कोई ठोस कार्रवाई नहीं हुई है। पत्रकार ने मांग की है कि मामले की निष्पक्ष जांच मधुबनी जिले से बाहर के किसी ईमानदार अधिकारी से कराया जाए और दोषियों पर सख्त कानूनी कार्रवाई की जाए। साथ ही उन्होंने घटना से जुड़े सीसीटीवी फुटेज की तकनीकी जांच और उसे सुरक्षित रखने की मांग भी बरिए पदाधिकारी से की है। यह घटना न सिर्फ पत्रकार की आजादी पर हमला है, बल्कि बिहार सहित पूरे देश में पत्रकारों की सुरक्षा को लेकर गंभीर सवाल खड़ा कर्ता है। बरहाल हरलाखी थाने की एएसआई व चौकीदार पर करवाई होनी से हड़कंप मचा हुआ है। साथ ही यहां ये भी बता देना आवश्यक प्रतीत होता है कि हरलाखी थाना पुलिस वे वजह लोगों को गाली देने, थप्पड़ मारने, रिश्र्वत खोरी जैसे कार्य को अंजाम देने के लिए बदनाम रही है।