वेतन भुगतान की मांग को लेकर शिक्षकों व शिक्षकेत्तर कर्मचारियों ने मुंगेर विश्वविद्यालय में दिया धरना।

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रिपोर्ट- सुमित कुमार!

वेतन भुगतान की मांग को लेकर शिक्षकों व शिक्षणेतर कर्मचारियों मुंगेर विश्वविद्यालय में दिया एक दिवसीय धरना। तीन दिनों के अंदर वेतन भुगतान हुआ तो शिक्षक संसथान को बंद कर सड़क से सदन तक जायेंगे।:

मुंगेर विश्वविद्यालय के अंगीभूत कालेजों में कार्यरत शिक्षक व कर्मचारियों को पांच माह से वेतन नहीं मिला है। इसके कारण शिक्षकों व शिक्षणेतर कर्मचारियों के बीच आक्रोश गहराता जा रहा है। बताते चलें कि शिक्षकों व शिक्षणेतर कर्मचारियों को नवंबर माह से अब तक का वेतन का भुगतान नहीं किया जा सका है। ऐसे में आर्थिक संकट का सामना कर रहे शिक्षक व शिक्षणेतर कर्मचारी आंदोलन पर उतर आए हैं। विदित हो कि मुंगेर विश्वविद्यालय के अधीन कुल 17 अंगीभूत कालेज संचालित हैं। इसमें लगभग 232 शिक्षक और लगभग 300 की संख्या में शिक्षणेत्तर कर्मचारी कार्यरत है। विश्वविद्यालय में मुख्यालय में कार्यरत शिक्षकों के बीच भी अब यह चर्चा शुरू हो गई है कि आखिर हमलोग कब तक बिना वेतन के काम कर पाएंगे।-

इधर पांच महीने से वेतन भुगतान नहीं होने से नाराज शिक्षकों का एक समूह बुधवार को विश्वविद्यालय मुख्यालय में कुलपति कार्यालय के पास बरामदे पर धरना पर बैठा। इसमें विश्वविद्यालय के कई कॉलेजों के लगभग दो दर्जन शिक्षक व शिक्षकेतर कर्मचारी धरना पर बैठे। शिक्षकों का कहना था कि राज्य सरकार एमयू के शिक्षकों व शिक्षणेत्तर कर्मचारियों का पांच महीने से लंबित वेतन का तत्काल भुगतान करे। इसके अलावा सभी शिक्षकों व कर्मियों को नियमित रूप से वेतन दिया जाय तथा बिहार विश्वविद्यालय सेवा आयोग के माध्यम से नवनियुक्त शिक्षकों को समय से वेतन का भुगतान किया जाय। इसके साथ ही शिक्षा विभाग के निर्देशानुसार विश्वविद्यालय बिहार विश्वविद्यालय सेवा आयोग के माध्यम से नियुक्त शिक्षकों को तीन दिनों के अंदर वेतन का भुगतान करे। इसके साथ ही आने वाले समय में शिक्षा विभाग और विश्वविद्यालय के बीच बेहतर तालमेल बने ताकि वेतन भुगतान में कोई समस्या नहीं हो।
बाइट : हरीश चंद्र साही समन्यवय समिति के संयोजक
बाइट प्रो देवराज सुमन संयोजक

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