बिहार/मुजफ्फरपुर
संतोष तिवारी
अपनी इसी भूल को सुधारने के लिए अपनी राजनीतिक पार्टी शुरू की
-नीतीश कुमार की पुरानी छवि देखकर मदद के लिए हुए तैयार
-केवल नीतीश ही नहीं राजद और भाजपा के नेता भी अवसरवादी
-बिहार और बिहारी अस्मिता की रक्षा और दुर्दशा दूर करना लक्ष्य
जदयू के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार की बेदाग छवि देखकर ही उनके साथ जुड़ा था। यही कारण है कि उनको मुख्यमंत्री बनाए रखने के लिए राजद से गठबंधन बनाने की सलाह दी थी। जो अब तक की मेरी सबसे बड़ी राजनीतिक भूल है। रविवार को स्थानीय परिसदन में संवाददाताओं को संबोधित करते हुए जन सुराज के सूत्रधार प्रशांत किशोर ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के अलावा राजद नेता तेजस्वी यादव पर कड़ा प्रहार किया;
कुमार ने कहा कि जिस तरह की राजनीति नीतीश कुमार ने 2014 तक की, उससे प्रदेश प्रगति कर रहा था। विकास कार्यों की गति भले ही तेज ना हो, लेकिन आकार लेने लगी थी। लेकिन 20154 में मिली हार से बौखलाए नीतीश कुमार ने प्रदेश की राजनीति में एक नई परंपरा की शुरुआत कर दी। वे सत्ता में बने रहने के लिए हर तरह के हथकंडे अपनाने लग गए। उन्होंने सभी राजनीतिक मार्यादाओं को ताक पर रख दिया। इसी कारण मैंने उनसे अपनी दूरी बना ली।
उन्होंने कहा कि अब तो हालत उससे भी ज्यादा खराब हो गई है। केवल नीतीश कुमार ही पलटू राम नहीं हैं, बल्कि सत्ता में बने रहने के लिए तेजस्वी और भाजपा के नेता भी किसी भी हद तक समझौता करने के लिए तैयार हैं। कह सकते हैं कि अब सभी पलटूराम हो गए हैं।
कुमार ने कहा िकवे बिहार और बिहार की अस्मिता की पहचान दिलाने की मुहिम पर हैं। साथ ही बिहार की दुर्दशा को भी दूर करना चाहते हैं। इसके लिए राजनीतिक रूप से मजबूत होना जरूरी था। वे आनेवाले चुनावों में अकेले दम प्रदेश की सभी 243 विधान सभा चुनावों में भाग लेंगे। चुनाव बाद भी उनकी पार्टी किसी गठबंधन में शामिल नहीं होगी।
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