धीरज शर्मा के साथ निभाष मोदी, भागलपुर

भागलपुर,जी हां मैं बात कर रहा हूं भागलपुर के उन बाढ़ से ग्रसित लाचार, बेबस व बेसहारा परिवारों की जहां लोग दाने दाने के लिए मोहताज है ,इसका कारण यह है कि उनके घरों में बाढ़ का पानी अभी तक लबालब भरा हुआ है, खेतों से उनका व्यवसाय चलता है उनमें भी पानी है और दूसरी ओर प्रशासन की नजर में बाढ़ समाप्त हो चुका है! गांव से बाढ़ का पानी निकल चुका है! जहां भी सामुदायिक किचन चल रहा था वह भी बंद करा दिया जा चुका है, लोग किसी तरह सत्तू भुजा खाकर अपना गुजर-बसर करते नजर आ रहे हैं! सामुदायिक किचन बंद हो जाने से बाढ़ ग्रस्त क्षेत्र के लोगों में काफी त्राहि मची हुई है! प्रशासन काफी वायदे करते नजर आते हैं परंतु उनके वायदे उतने ही खोखले दिख रहे हैं !बिहार में आई भीषण बाढ़ के बाद सरकार के द्वारा कई जगह बाढ़ पीड़ितों के लिए राहत शिविर बनाया गया था सरकार के अनुसार बाढ़ का पानी अब गांव से निकल गया है और अब सरकार ने राहत शिविर में सामुदायिक रसोई सहित कई अन्य सुविधाओं को बंद कर दिया है और लोगों से अपने घर जाने को कह दिया है पर अभी भी बाढ़ पीड़ित कह रहे हैं कि अभी उनके गांव में स्थिति ऐसी नहीं है कि वह लोग घर जा सके साथ ही सरकार से राहत शिविर में सभी सुविधा पुनः शुरू करने की मांग भी करते दिख रहे हैं।