कोरोना के बाद अब बाढ़ ने किया बेघर, सांत्वना देने सभी आते हैं लेकिन तारणहार कोई नहीं!

👇समाचार सुनने के लिए यहां क्लिक करें

निभाष मोदी ,भागलपुर

राजनेता व प्रशासन के दावे फेल होते दिख रहे हैं, बेचारी बाढ़ ग्रस्त जनता परेशान ,मैं बात कर रहा हूं उन छोटे मासूम बच्चे की, उन महिलाओं की ,बुजुर्गों की जो बाढ़ से पूर्णरूपेण घिर चुके हैं ,उन्हें खाने तक की सूखी रोटी नसीब नहीं हो रही है और प्रशासन ताल पे ताल ठोक रही है, राजनेता आश्वासन पर आश्वासन देते दिख रहे हैं कि मैं आपके साथ हूं ,मैं आपके दुख और दर्द को समझ रहा हूं ,क्या यह दुख और दर्द समझने से उसके भूख की पीड़ा मर जाएगी? बाढ़ से त्रस्त लोग तारणहार के इंतजार में!
गंगा एवं कोसी अपने उफान पर है गंगा और कोसी के किनारे जितने भी क्षेत्र हैं वह बाढ़ से ग्रसित हो चुके हैं जलस्तर काफी तेजी से बढ़ता जा रहा है ,नदी के किनारे लोग एक तरफ जहां बाढ़ से ग्रसित हैं दूसरी ओर बारिश भी उसे काफी सता रही है, बीते दिनों जिलाधिकारी भागलपुर सुब्रत कुमार सेन बाढ़ ग्रस्त क्षेत्र का निरीक्षण किए थे और उन्होंने कहा था कि अभी नाव की व्यवस्था कर दी गई है पॉलीथिन शीट की व्यवस्था कर दी गई है जल्द ही सामुदायिक किचन की भी व्यवस्था कर दी जाएगी परंतु जो लोग 15 दिन से बाढ़ ग्रस्त क्षेत्र में जूझ रहे हैं उनका एक पल किस तरह से कट रहा है आप खुद जाकर देख सकते हैं , वहां के लोगों से शंखनाद की टीम बात की तो वहां का गुस्सा इस कदर फूटा आइए जानते हैं उन लोगों का क्या कहना हुआ –
हमलोग 15 दिनों से किसी तरह गुजर बसर इस आश्वाशन पर कर रहे हैं कि प्रशासन हम लोगों पर अब ध्यान दे देगी , सांसद महोदय आएंगे विधायक महोदय आएंगे, जिसे हम लोगों ने अपना वोट देकर जिताया कम से कम वह लोग अब हमलोगों पर ध्यान देंगे लेकिन सभी बड़े-बड़े वायदे करके चले जाते हैं यहां तक लगता है कि प्रशासन पूर्णरूपेण सोई हुई है, प्रशासन अपना दावा करती है कि मैं बहुत सजग हूं मैं कार्य कर रहा हूं लेकिन धरातल पर हम लोगों को प्रशासन की ओर से एक सूखी रोटी तो दूर की बात है हम लोगों को सर छुपाने के लिए एक प्लास्टिक का टुकड़ा तक नहीं मिल पाया है, महिलाएं कहां शौच के लिए जाएंगी, बच्चे क्या खाएंगे इसके लिए हमलोग तरस गए हैं !बाढ़ से तो ग्रसित हैं ही ऊपर से अब बारिश भी हम लोगों को सताते चली जा रही है! आखिर हम क्या करें ,प्रशासन क्यों ध्यान नहीं दे रही है जबकि पिछले कुछ दिनों पहले मंत्री जी आए और अपने सामने जिलाधिकारी को बुलाकर कहा गया जहां भी सामुदायिक किचन की व्यवस्था होनी है जल्द से जल्द करें लेकिन ऐसी कोई व्यवस्था नहीं धरातल पर दिख रही है ,हम सभी बाढ़ ग्रसित लोग काफी मायूस हैं इस प्रशासनिक रवैया से।भागलपुर में हमारे शंखनाद पर प्रमुखता से बाढ़ पीड़ितों की खबर दिखाए जाने का असर एक बार फिर देखने को मिला है, आधे दर्जन गांव में गंगा का जलस्तर बढ़ने के कारण पानी घुस जाने के कारण वहां रहने वाले लोग विस्थापित होकर विश्वविद्यालय के रविंद्र भवन में पहुंचकर शरण लिए हुए हैं , जहां उन्हें किसी भी तरह की कोई सुविधा नहीं मिल रही थी, खबर को प्रमुखता से दिखाया , खबर दिखाए जाने के बाद जिलाधिकारी के निर्देश पर नाथनगर के अंचलाधिकारी स्मिता झा बाढ़ पीड़ितों का हाल जानने पहुंची,यहां उन्होंने बाढ़ पीड़ितों की समस्या को सहानुभूति पूर्वक सुना और उनका निदान निकालने का भरोसा दिया, बताते चलें कि जितने भी पदाधिकारी आते हैं आश्वासन देकर चले जाते हैं बाढ़ ग्रस्त क्षेत्र के लोग इस बाढ़ की कहर को किस तरह झेल रहे हैं वह वही बयां कर सकते हैं कोई राजनेता या पदाधिकारी नहीं|

Leave a Comment

और पढ़ें