रिपोर्ट/मनोज कुमार/नवादा।
रामचरित्रमानस का रचियता गोस्वामी तुलसीदास की जयंती नवादा में बड़े अदभुत तरीके से मनाया गया है,जिसमे रामायण धारावाहिक की चर्चित सीरियल में मां जानकी की भूमिका अदा करने वाली दीपिका चिखिलिया तथा लक्ष्मण की भूमिका में सुनील लहेरी ने उद्घाटन कर जयंती की मनमोहक दृश्य बना दिया है,उन दोनो तुलसी जयंती उद्घाटन बाद अदभुत दृश्य की बात बताया है।
जिले के मॉडर्न शैक्षणिक समूह के द्वारा 11 अगस्त की रामचरित्र मानस की रचयिता गोस्वामी तुलसीदास की जयंती को अदभुत दृश्य की रूप में मनाया गया है,जिसमे रामानंद सागर की चर्चित रामायण सीरियल में मां जानकी की भूमिका अदा करने वाली दीपिका चिखीलिया तथा लक्ष्मण की भूमिका में सुनील लहेरी के हाथो जयंती की कार्यक्रम की शुभारंभ किया गया है,जिसमे करीब हजारों स्कूली बच्चों ने उपवास रखकर रामचरित्र मानस की पाठ अदा किया है,सभी बच्चे भगवा कपड़े में थे,सब की सामने रामचरित्र मानस की पुस्तक एक स्वर से हजारों लड़के तथा लड़कियों की सामने रखी रामचरित्र मानस की पुस्तक थी सभी अपने काव्य पाठ करने में तल्लीन दिखे।मानो रामायण का एक दृश्य बन गया हो।रामायण में माता सीता की पाठ अदा करने वाली दीपिका चिखिलिया अदभुत दृश्य देख काफी गद्दगद हो गई,उन्होंने एक छोटे शहर में ऐसा दृश्य का यकीन भी नहीं किया था,उन्होंने कहां नवादा के लोगो तथा मॉडर्न शैक्षणिक समूह एक बधाई दिया है।उन बच्चो को तारीफ किया जिन्होंने इतने अच्छे पाठ अदा किया है,रामायण में अपनी पाठ की चर्चा की है।
एक छोटे से कस्बे में तुलसी जयंती इतने भव्य तरीके से मनाना अपने आप में काफी कुछ बयां कर रहा है,लगभग पांच हजार लोगो के बीच रामचरित्र मानस की काव्य पाठ पढ़ना शांतिमय वातावरण में एक अद्भुत है, हर लोगो की दोनो हाथ तालियों से गूंज रही थी,कुछ पल के लिए दशकों पुरानी टीवी पर दिखाने वाली रामायण धारावाहिक का याद दिला दिया है।इस दृश्य से रामायण में लक्ष्मण की भूमिका में दिखे सुनील लहेरी ने कार्यक्रम को काफी सराहा है,उन्होंने कहां बच्चो में सनातन की प्रति उत्साह तथा उमंग को मैं दूसरी बार नवादा आकर उत्साहित बच्चो का हौसला अफजाई करने के लिए पहुंची हूं,हजारों स्कूली बच्चों के बीच रामायण पाठ करना एक अद्भुत पल है।ऐसे अदभुत कार्यक्रम बार देखने की इच्छा प्रगट होती है।
यह सच है जिले में हजारों स्कूली बच्चों को भगवा मय रूपी में रामचरित्र मानस पाठ कर गोस्वामी तुलसी जयंती को यादगार बना दिया गया है।