पटना से अमित कुमार की रिपोर्ट
पटना: डॉक्टर को दूसरे भगवान का दर्जा दिया जाता है क्यों कि कई जटिल रोगों की वज़ह से लोगों का जीवन जीना मुश्किल हो जाता है और डॉक्टर ही है जो लोगों का ईलाज कर नया जीवन देने का काम करते हैं।
ऐसे ही हड्डी रोग से जुड़े असाध्य रोगों का इलाज अब पटना में आशीष जॉइंट् रिप्लेसमेंट केयर मे रोबोटिक तकनीक से सम्भव हो रहा है
आशीष जॉइंट् रिप्लेसमेंट केयर के डायरेक्टर डॉ आशीष सिंह ने बताया कि पश्चिम बंगाल से आये मरीज़ बीरबल साहू विगत 14 वर्षों से बेड पर थे और ये अपना पैर भी सीधा नहीं कर पाते थे मेडिकल भाषा मे इस बीमारी को एनकोलाइजिंग स्पांडिलाइटिस ( Ankolysing Spondylitis) और समान्य भाषा मे गठीया रोग कहा जाता है एक प्रकार से यह एक जटिल बीमारी थी जिसे रोबोटिक तकनीक से दोनों कुल्हा का सफल प्रत्यारोपण ऑपरेशन कर दिया गया है और 14 वर्षों के बाद मरीज़ अब चलने फिरने लगा है।
डॉ आशीष सिंह ने बताया कि पूरे बिहार ही नहीं बल्कि पूर्वी भारत के क्षेत्र मे रोबोटिक तकनीक से इलाज का यह एकमात्र अस्पताल है जहां हड्डी रोग से जुड़े हर बीमारी का इलाज रोबोटिक तकनीक से किया जाता है, हमारे यहां बिहार ही नहीं बल्कि झारखंड, बंगाल, आसाम एवं बांग्लादेश से मरीज़ अपना ईलाज करवाने आते है.
वहीं पश्चिम बंगाल के जलपाईगुड़ी जिले से आये मरीज़ बीरबल साहू ने बताया कि उन्होंने तो अपने जीवन को दूसरे पर बोझ और बेकार मान निराश हो चुके थे लेकिन उनकी पत्नी ने पूरा घर भी चलाया और इस अस्पताल में लेकर आयी। सही में डॉक्टर आशीष सर मेरे लिए भगवान की तरह है जिन्होंने मुझे नया जीवन दिया। और दिल से डॉक्टर साहब को धन्यवाद दिया।