दरभंगा ब्यूरो धर्मेंद्र पांडे की रिपोर्ट

अदालत ने लिया संज्ञान, याचिकाकर्ता के द्वारा दिए नाम पर सरकार को विचार करने का दिया आदेश!
याचिकाकर्ता दरभंगा हवाई अड्डा का नाम महाराजा कामेश्वर सिंह के नाम रखने की मांग पर दायर किया था जनहित याचिका!
जबकि बिहार सरकार दरभंगा हवाई अड्डा के नाम महाकवि विद्यापति के नाम रखने पर लगा चुकी है मुहर!
महाराजा के पौत्र ने अदालत के आदेश पर जताई ख़ुशी, महाराजा के नाम पर ही हवाई अड्डा का नाम रखने की कहि बात !
दरभंगा हवाई अड्डा का नामकरण विवाद पटना उच्च न्यायालय पहुंच जाने के बाद आखिरकार पटना उच्च न्यायालय ने दिया दखल देते हुए कहा की याचिकाकर्ता के दिये नामो पर केंद्र सरकार के साथ बिहार सरकार को विचार करने का आदेश दिया है अदालत ने इसके लिए चार महीने का वक्त भी दिया है | इसकी पुष्टि करते हुए जनहित याचिका दायर करनेवाले संजय राय ने बताया की माननिये उच्च न्यायालय ने याचिकाकर्ता को केंद्र सरकार और राज्य सरकार के अलावा तेरह लोगो तक अदालत के निर्देश की कॉपी पहुचाने का आदेश दिया है |
संजय राय ने दरभंगा हवाई अड्डा का नाम महाराजा के नाम देने का आधार देते हुए बताया की दरभंगा हवाई अड्डा खुद महाराजा का था लेकिन 1962 में चीन के यूद्ध के समय महाराजा ने न सिर्फ भारत सरकार को दान में यह हवाई अड्डा दे दिया बल्कि तब अपने तीन हवाई जहाज को भी भारत सरकार को दे दिया साथ ही kg सोना दान देकर भी आर्थिक मदद की थी ऐसे में इस हवाई अड़ड़े के नाम पर पहला हक दरभंगा महाराज का बनता है |
अदालत के आदेश आने के बाद महाराजा के पौत्र कपिलेश्वर सिंह भी अपना वीडियो संदेश जारी कर अदालत के आदेश की प्रशंसा करते हुए याचिका कर्ता संजय रॉय का धन्यवाद किया साथ ही उन्होंने भी दरभंगा हवाई अड्डा का नाम महाराज कामेश्वर सिंह के नाम पर ही होने की मांग की है ।
मालूम हो कि दरभंगा हवाई अड्डा का नाम महाकवि विद्यापति के नाम करने की बिहार सरकार ने शिलान्यास के समय ही घोषणा की थी और विधान मंडल से भी यह नाम पास होकर केंद्र सरकार के पास चला गया है सिर्फ अब केंद्र सरकार के तरफ से औपचारिकता पूरी होने के बाद हवाई अड्डा का नामकरण होना बांकी था । इसी बीच दरभंगा निवासी संजय रॉय ने पटना उच्च न्यायालय में एक जनहित याचिका दायर करते हुए दलील दी कि दरभंगा हवाई अड्डा महाराजा कामेश्वर सिंह द्वारा भारत सरकार को दान में दिया गया है इसलिए दरभंगा हवाई अड्डा का नाम महाराज कामेश्वर सिंह जी के नाम से होनी चाहिए उन्होंने इसके लिए अदालत को उन्होंने तीन नाम बताए जिसपर अदालत ने संज्ञान लेते हुए यह आदेश पारित किया है ।