रिपोर्ट – शशिकांत मिश्रा!
बिहार राज्य आंगनबाड़ी संयुक्त संघर्ष समिति के आह्वान तथा लखीसराय जिला कमेटी के निर्णय अनुसार आंगनबाड़ी सेविका और सहायिकाओं के अनिश्चितकालीन हड़ताल बीते 29 सितंबर से ही जारी है। साथ ही बीते चार अक्टूबर से 10 दिवसीय धरना प्रदर्शन भी किया जा रहा है। इस कड़ी में सोमवार को भी आईसीडीएस कार्यालय के समक्ष जमा हुई सेविका और सहायिकाओं ने उग्र प्रदर्शन किया। इस दौरान सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी की गई। सेविकाओं ने कहा कि सरकार के कथनी और करनी में अंतर है। जहां एक ओर जातिगत गणना और महिलाओं को आरक्षण की बात कह सशक्तिकरण की बात कहते हैं, तो वहीं आंगनबाड़ी से जुड़ी हजारों नारी शक्ति का आर्थिक शोषण करने का काम करते हैं। हालांकि इस बार संघ और हम सभी सदस्य किसी बहकावे में नहीं आने वाले। हम लोग सरकारी कर्मी घोषित करने, अथवा नहीं किये जाने तक सेविकाओं के लिए 25हजार और सहायिकाओं के लिए 18हजार के मानदेय समेत अन्य मांगों के साथ अड़े हैं। सरकार यदि हम सबों की बेहतरी के लिए नहीं सोचती तो आने वाले चुनाव में हम नारी शक्ति भी सरकार को आइना दिखाने का काम करेंगे। हम नारी शक्ति सिर्फ कर्तव्य के प्रति समर्पण ही नहीं बल्कि हक के लिए बखूबी लड़ना और जीतना भी जानती है। विदित हो कि बीते 11 दिनों से सभी आंगनबाड़ी केंद्रों को बंद और कामकाज को ठप कर चुकी सेविका और सहायिकाओं ने मांगे नहीं माने जाने तक हड़ताल पर डटे रहने की बातें कही। मौके पर संगीता कुमारी सिन्हा, मंजू कुमारी, प्रतिमा कुमारी, पूजा कुमारी, पुतुल कुमारी, कल्पना कुमारी, बेबी कुमारी समेत दर्जनों कर्मी मौजूद रहे।