बीरगंज नेपाल में 18 वी शताब्दी में स्थापित गहवा माई के भक्ति में डूबा पूरा शहर, भारतीय भक्तों का सैलाब

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रिपोर्ट – धर्मेंद्र कुमार

उमड़ गया पूरा शहर और भारतीय भक्तो की कतार देखकर दैवीय अहसास हुआ,,,,

बीरगंज नेपाल में 18 वी शताब्दी में स्थापित गहवा माई के भक्ति में डूबा पूरा शहर,,,,,,

हजारों की संख्या में महिलाएं,बूढ़े,नौजवान भक्तो के साथ साथ सड़क के दोनो किनारे से होती रही फूलों की वर्षा,,,,

देवी के रूप में सजकर रथ पर सवार झांकी से बीरगंज की धरती हुई भक्तिमय,,,,

भगवान जगन्नाथ की तर्ज पर देवी की प्राचीन मूर्ति को स्थापित कर रस्से से लोगो ने देवी के रथ को माई स्थान चौक से खींचते हुए प्रसिद्ध घंटाघर होते हुए 10 किलोमीटर की यात्रा तय की भक्तो ने,,,,

जय श्रीराम, जयमाता दी के उदघोष से भक्तिमय हुआ वातावरण,,,,,,,

नाचते गाते भक्त लगातार जय माता दी का जयकारा लगाते रहे,,

आयोजको और बीरगंज महानगरपालिका के साथ साथ बीरगंज प्रशासन ने रथयात्रा को सफलता पूर्वक किया संपन्न,,
_भारतीय सीमा से सटे बीरगंज शहर में आज गहवा माई की रथयात्रा में भारतीयों सहित हजारों महिलाओं सहित , बच्चे बूढ़े और नवजवानों ने भगवान जगन्नाथ की तर्ज पर विशाल रथ में माता गहवा माई की प्राचीन मूर्ति को स्थापित कर तकरीबन 10 किलोमीटर तक रस्से से खींचकर जयकारा लगाते हुए पूरा किया,बताते चले प्रसिद्ध गहवा माई की स्थापना 18 वी शताब्दी में की गई थी और मंदिर का पुनर्निर्माण 11 वर्ष पहले किया गया था और आज 11 वे वार्षिकोत्सव के अवसर पर भक्तों के भीड़ से बीरगंज की धरती भक्तिमय हो गई ।सड़क के दोनो किनारे भक्त हजारों भक्तो का उत्साहवर्धन करते नजर आए ।जय श्रीराम और जयमाता दी के उदघोष से पूरा वातावरण भक्तिमय हो गया ,वही आयोजक मंडल के सदस्य ने गहवा माई के महिमा के बारे में बताते हुए कहा की जो भी भक्त शुद्ध मन से अपनी अर्जी लगाता है निश्चित रूप से गहवा माता उस भक्त की मनोकामना पूरी करती है।

वही बीरगंज महानगरपालिका के मेयर राजेशमान सिंह ने गहवा माता के सात बहनों के बारे में बताया और माता के महिमा के बारे में बताते हुए कहा की माता उस हरभक्त की इच्छा पूरी करती है जो दरबार में हाजरी लगाने आता है

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