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वट सावित्री की पूजा के लिए सुहागिन महिलाओं की उमड़ी भीड़, कोरोना गाइडलाइन की उड़ी धज्जियां!

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अनिल शर्मा की रिपोर्ट:

नवादा। गुरुवार को वट सावित्री की पूजा के लिए बरगद पेड़ के समीप सुहागिन महिलाओं की भीड़ उमड़ पड़ी। सुहागिन महिलाएं बरगद पेड़ की पूजा कर पति की लंबी आयु की कामना की। बरगद पेड़ के नीचे ब्राह्मण द्वारा महिलाओं को सावित्री के तप के कारण यमराज से उनके पति की प्राणरक्षा की कथा सुनाया गया। कथा सुनने के बाद महिलाओं ने ब्राह्मण को दान देकर आशीर्वाद ग्रहण किया। इस दौरान कोरोना गाइडलाइन की जमकर धज्जियां उड़ती दिखी। श्रद्धालु महिलाओं द्वारा सोशल डिस्टेंसिंग का भी ख्याल नहीं रखा गया। लोग बिना मस्क के ही पूजा करते देखे गए। यहां बता दें कि हिंदू शास्त्रों के अनुसार, वटवृक्ष के मूल में ब्रह्मा, मध्य में विष्णु तथा अग्रभाग में शिव का वास माना गया है। वट वृक्ष यानी बरगद का पेड़ को देव वृक्ष माना जाता है। देवी सावित्री भी इस वृक्ष में निवास करती हैं। मान्यताओं के अनुसार, ज्येष्ठ महीने की अमावस्या के दिन वटवृक्ष के नीचे सावित्री ने अपने पति को पुन: जीवित किया था। तब से ये व्रत ‘वट सावित्री’ के नाम से जाना जाता है। इस दिन सुहागिन महिलाएं अखंड सौभाग्य की प्राप्ति के लिए वटवृक्ष की पूजा करती हैं। वृक्ष की परिक्रमा करते समय इस पर 7 बार कच्चा सूत लपेटा जाता है। महिलाएं सावित्री-सत्यवान की कथा सुनती हैं। सावित्री की कथा सुनने से सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं और पति के संकट दूर होते हैं।

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