ईश्वरीय विश्व विद्यालय में विश्व एकता एवं विश्वास के लिए मेडिटेशन कार्यक्रम आयोजित!

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रिपोर्ट- बिकास कुमार

सहरसा :- प्रजापिता ब्रह्माकुमारी ईश्वरीय विश्व विद्यालय में इस वर्ष की थीम विश्व एकता एवं विश्वास के लिए मेडिटेशन कार्यक्रम का लॉन्चिंग किया गया।
जिसका दीप प्रज्ज्वलन द्वारा उद्घाटन ब्रह्माकुमारी स्नेहा बहन, एनसीसी कमांडिंग आफिसर कर्नल रवि शंकर, प्रोफ़ेसर अर्जुन प्रसाद, सुपरिटेंडेंट, लॉर्ड बुद्धा कोसी मेडिकल कॉलेज ने सामूहिक रूप से किया।कार्यक्रम को संबोधित करते हुए सेवाकेंद्र प्रभारी ब्रह्माकुमारी स्नेहा बहन ने कहा कि इतिहास प्रमाण है कि बाहरी ताकतों ने हमारी एकता पर प्रहार कर पहले उसे छिन्न-भिन्न किया, तभी वे हम पर राज्य कर सके। हमारी एकता ही हमारा असली बल है। व्यक्तिगत महत्वाकांक्षाएं, स्वार्थ, लोभ, अहंकार, गलतफहमी, अफवाह, असहिष्णुता, अविश्वास एकता को तोड़ने का काम करते हैं। एकता का अर्थ है- आपसी सहयोग से प्रतिबद्धता के साथ किसी उद्देश्य के लिए कार्य करना। पारिवारिक, सामाजिक, राष्ट्रीय एवं वैश्विक एकता इसके कई आयाम हैं। किसी भी परिवार या संगठन की एकता के लिए स्वीकार्यता, परस्पर प्रेम व विश्वास, एक-दूसरे की जरूरतों को समझना, निरंतर स्वस्थ संवाद, सत्यता, सहनशीलता, क्षमाशीलता जैसे गुणों का होना आवश्यक है। इसके साथ व्यक्तिगत स्तर की एकता भी जरूरी है, जिसे हम विचार, वाणी व कर्म की एकता, समानता या सत्यनिष्ठा कह सकते हैं। इस स्तर की एकता के लिए राजयोग मेडिटेशन की भूमिका अहम हो जाती है। हमारा कमजोर मन ही नकारात्मकता को जन्म देता है और हमारी आंतरिक एकता को तोड़ता है। फलस्वरुप बाहरी एकता भी तार-तार होने लगती है। राजयोग मेडिटेशन से हमारा मन शुद्ध और शक्तिशाली होता है। एक परमात्मा पिता की हम संतान हैं, इस नाते एक ईश्वरीय कुल के भाती हैं, सभी का एक ही स्वधर्म है- शांति और एक ही घर परमधाम से इस सृष्टि रूपी रंगमंच पर अपना-अपना पार्ट बजाने आये हैं- यह स्मृति मानस पटल पर छप जाती है। सबके प्रति भ्रातृत्व-भाव स्वत: इमर्ज होने लगता है। इस नि:स्वार्थ श्रेष्ठ भावना के फलस्वरुप धरती पर एकता और विश्वास से ओत-प्रोत दैवी साम्राज्य स्थापित हो जाता है। सर्वत्र एकता और विश्वास का खुशनुम: माहौल अपनी खुशबू बिखेरता रहता है।
उन्होंने कहा कि वर्तमान समय पारिवारिक जीवन एवं संबंधों में एकता एवं विश्वास खंड-खंड हो गया है। ऐसे समय पर ब्रह्माकुमारीज़ विश्व में एक मिसाल है जो अनेक धर्म, अनेक भाषा, अनेक जाति, अनेक प्रांत, अनेक देश, अनेक मान्यताएं- उनमें रहते हुए एक परमात्मा पिता की श्रीमत पर चलकर सारे विश्व में एकता एवं विश्वास का संदेश दे रही है।
तत्पश्चात उन्होंने एकता और विश्वास के लिए मेडिटेशन कराया।कार्यक्रम में मुख्य रूप से डॉ संजय भाई, सुबोध भाई, शत्रुघ्न भाई, अवधेश भाई, मनोज भाई सहित सैकड़ों भाई-बहन उपस्थित थे।

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