संवाददाता :- विकास कुमार!
एक साल पहले बना था सहरसा के इस इलाके में उच्च स्तरीय पुल पिलर नं एक के धसने से लोगों ने पुल निर्माण कार्य पर उठाए सवाल
बिहार में पुल गिरने पुल ध्वस्त होने के साथ पुलो के धसने की खबर लगातार सामने आ रही है वही पुल धसने से लेकर पुल गिरने के बाद सरकार और अधिकारियों पर कई तरह के सवाल लोग खड़े करते हैं एक ऐसा ही मामला सहरसा जिले से सामने आया है जहां करोड़ों की लागत से बनाया गया उच्च स्तरीय पुल एक साल के अंदर ही धसने लगा है पुल का एक पाया धस चुका है जिस वजह से लोग अब परेशान हो चुके हैं।
दअरसल सहरसा जिले के सत्तौर पंचायत के बिरजैन गांव का मामला बताया जा रहा है जहां करोड़ों की लागत से 1 साल पूर्व बनाया गया उच्च स्तरीय पुल का एक पाया धस चुका है । ऐसे में अब स्थानीय लोग संवेदक और इंजीनियर पर सरकार से कार्रवाई की मांग कर रहे हैं, स्थानीय लोगों का कहना है कि पुल निर्माण के दौरान बरती गई लापरवाही का यह नतीजा है घटिया सामग्री से पुल का निर्माण करवाया गया है यह इलाका बाढ़ प्रभावित इलाका है और ऐसे में 30 से 35 गांव को जोड़ने वाला यह पुल है यूं कहें कि लाखों की आबादी के आवागवन का एकमात्र सहारा यह पुल है यह पुल लोगों के लिए लाइफ लाइन भी है और पुल की स्थिति 1 साल के अंदर ही बिगड़ने से संवेदक और इंजीनियर पर सवाल तो खड़ा होना बनता है ।
वहीं स्थानीय मुखिया तेज नारायण यादव ने बताया कि घटिया सामग्री से उच्च स्तरीय पुल का निर्माण करने का नतीजा है कि आज यह पुल के पिलर नंबर एक के धसने से लोगों के अंदर डर का माहौल बन गया है क्या ऐसे इंजीनियर और संवेदक पर कार्रवाई नहीं होनी चाहिए यह इलाका बाढ़ से प्रभावित इलाका है हजारों लोगों के लिए यह पुल किसी वरदान से कम नहीं है और लोगों के जीवन के साथ इंजीनियर और संवेदक खिलवाड़ कर रहे हैं ।
BYTE :- स्थानीय मुखिया तेज नारायण यादव।
BYTE :- स्थानीय ग्रामीण मनोज कुमार।
BYTE :- स्थानीय ग्रामीण बैजू कुमार यादव।