नालंदा से ऋषिकेश

कहते है अगर मन मे किसी भी काम को अंजाम तक पहुचाने की पूरी चाहत हो तो उस काम के बीच आने वाली हर समस्या छोटी सी लगती है।कुछ ऐसा ही उदाहरण रहुई प्रखण्ड के मई फरीदा पंचायत के सैदल्ली गांव के ग्रामीणों ने पेश किया है।जहां ग्रामीणों ने श्रमदान से गांव के पंचाने नदी पर छोटी सी चचरीनुमा पुलिया का निर्माण किया है। गौरतलब है कि इस गांव की आबादी हजारो में है लेकिन बुनियादी सुविधाओं की बात की जाय तो वह नदारद है।सैदल्ली गांव के बीचोबीच पंचाने नदी गुजरी है।जिसके दोनो छोर पर गांव बसा हुआ है।ग्रामीणों ने इस पंचाने नदी पर छोटी सी पुलिया को लेकर कई बार स्थानीय सांसद,विधायक से लेकर कई पदाधिकारियों, मुख्यमंत्री नीतीश के जनता दरबार मे भी ग्रामीणो के द्वारा इस पुलिया निर्माण को लेकर गुहार लगाई गई है लेकिन इनकी गुहार की आवाज फाइलों में दबकर कही गुम होकर रह गई। स्थानीय ग्रामीण अरविंद यादव ने बताया कि इस सैदल्ली गांव के सैकड़ो घरों से चंदा करके कच्चा बास, लोहे की पाइप और ग्रामीणों की अपनी कड़ी मेहनत के बल पर पंचाने नदी के बीचोबीच चचरीनुमा पुल का निर्माण कर लिया है।जिसका उद्घाटन कोई मंत्री सांसद नही बल्कि गांव के ही लोगो ने स्वयं किया है। जिसमे लगभग एक लाख रुपये की राशि खर्च हुई है। इस चचरिनुमा पुलिया के निर्माण हो जाने से बासक सैदी,सैदल्ली,मई,समेत चार गांव के ग्रामीण को इस चचरी पुलिया का फायदा होगा। इस चचरीनुमा पुलिया के निर्माण हो जाने के बाद अब ग्रामीणों को खेती गृहस्ती करने के लिए 2 किलोमीटर घूम कर जाना नहीं पड़ता था। इस पुलिया के निर्माण होने से इनकी 2 किलोमीटर की दूरी महज कुछ मीटर में तब्दील हो गई है। ग्रामीणों ने बताया कि अगर रात में किसी की तबीयत खराब हो जाती है तो डॉक्टर के पास ले जाने में काफी परेशानी होती है हमारे गांव के अंदर एक मोटरसाइकिल भी काफी कठिनाई से ही गांव के अंदर पहुंच पाती है। ग्रामीणों ने बताया कि चचरी पुल के निर्माण में स्थानीय मुखिया और समाजसेवी अरविंद यादव ने योगदान भी दिया है जिसके कारण यह पुल बनकर तैयार हो गया है।