पंकज कुमार ठाकुर

त्रिकोणीय मुकाबले के जबरदस्त आसार!
गे बहन, गे दीदी, की चाची, तक शुरू कई नए योद्धा भी इस बार मैदान में!
पंचायत नामा
चुनाव यानी दावों का मौसम, म चुनाव यानी वादों का मौसम, चुनाव यानी नेताजी और जनता का सीधा मिलन, लोगों की भीड़ से नेताजी के अदाओं का अनुमान, चुनाव यानी आंखों में धूल झोंकने की बारी और बिहार में शुरू हो चुका है आंखों में धूल झोंकने की तैयारी
अधिसूचना जारी होते ही बांका जिला के रजौन प्रखंड भी चुनावी हवा के रुख से दूर नहीं है कल तक विलीन मुखिया जी इन लोगों के बीच पहुंचकर हाथ जोड़कर एक बार मौका देने की गुहार लगा रहे, आइए टटोलतेओढ़हरा पंचायत की नब्ज! दरअसल इस बार भी इस पंचायत की मैदान त्रिकोणीय संघर्ष के लिए ही तैयार है! नेताजी समीकरण साधने और जोड़-तोड़ करने हर गांव पहुंच रहे हैं! शुरू से ही इस पंचायत में त्रिकोणीय संघर्ष का गवाह रहा है! यह दीगर बात है कि एन वक्त पर जातिवादता समुंदर में नेताजी हिचकोले लगाने को बेताब दिख रहे हैं! हालांकि इस बार इस मैदान में एक बड़े वर्ग का चेहरा नहीं है। अब ऐसे में सवाल यह उठता है कि उस बड़ी वर्ग के संवेदनशील वोटरों के बीच उनका अक्स ढूंढना किसी भी प्रतिनिधि के लिए टेढ़ी खीर साबित हो रही है! हालांकि इस बार समीकरण साफ बहुत कुछ बयां कर रहा है! और इस पंचायत के कई ऐसे गांव के संवेदनशील वोटर हैं जो कुछ भी कहने से लाजमी कर रहे हैं! तो कई नेता जी को जनमानस का उग्र रूप भी देखना पड़ा रहा है! हालांकि इस बार आसान नहीं है ओढ़हरा पंचायत के सिंहासन अवलोकन लेकिन कहते हैं ना चुनाव क्या है! एक माहौल है जो जनमानस पर सवार होकर तेरी मेरी गलियों से नेताजी की तकदीर की गाथा लिखते हैं!