रिपोर्ट – ऋषभ कुमार!
हाजीपुर : वैशाली जिले अन्तर्गत साईबर थाना की पुलिस ने नौकरी देने के नाम पर ठगी करने वाले पांच साइबर अपराधियों को गिरफ्तार कर लिया। यह जानकारी साईबर डीएसपी चांदनी सुमन ने प्रेस कांफ्रेंस कर मीडिया को दी। गिरफ्तार अपराधियों में एक महिला पश्चिम बंगाल की रहने वाली बताई गई है। गिरफ्तार अपराधियों के पास से पुलिस ने नौ मोबाइल तेरा सिम कार्ड दो पासबुक दो पैन, आठ कार्ड एटीएम कार्ड, दो आधार कार्ड एवं एक वोटर आई कार्ड बरामद किया है। डीएसपी ने बताया कि साइबर थाना को प्रतिबिम्व पोर्टल के अवलोकन से जानकारी प्राप्त हुआ कि मोबाईल नम्बर 9546123544 एवं 91199427967 पर क्रमशः पटना एवं बेतिया जिले में जॉब देने के नाम पर साईबर ठगी करने की शिकायत दर्ज है एवं तकनीकि अनुसंधान से यह बात सामने आयी कि उक्त दोनों नंबर वैशाली जिला के औद्योगिक क्षेत्र थाना अन्तर्गत सक्रिय है। प्राप्त सूचना एवं तकनीकि साक्ष्यों के आधार पर त्वरित कार्रवाई करते हुए एसपी वैशाली के निर्देशन में पुलिस उपाधीक्षक सह साईबर थानाध्यक्ष चाँदनी सुमन के नेतृत्व में साईबर थाना पुलिस एवं औद्योगिक क्षेत्र थाना पुलिस को शामिल करते हुए एक टीम का गठन किया गया। गठित टीम के द्वारा तकनीकि अनुसंधान एवं टावर लोकेशन के मद्द से उक्त स्थल की पहचान कर घेराबंदी करते हुए छापेमारी की गई। तभी पुलिस को देखकर वहा किराये पर रह रहे चार नवयुवक पुरुष एवं एक महिला छिपने का प्रयास करने लगे। पुलिस द्वारा सभी व्यक्तियों से छिपने का कारण पूछा गया तो कोई संतोष जनक जबाव नहीं दिया गया। सभी का नाम पता पूछने पर अपना नाम रविराज उर्फ जैकी रोहित राज विपीन कुमार सुमन आदर्श कुमार रूपा सरकार बताया। तत्पश्चात् सभी की तलाशी ली गई तो इनके पास से 08 मोबाईल, 13 सिमकार्ड बरामद किया गया। इन लोगों से जब कड़ाई से पूछताछ की गई तो इनके द्वारा बताया गया कि जॉब देने के नाम पर व्हाट्सएप के माध्यम से लोगों से सर्टिफिकेट एवं अन्य दस्तावेज की मांग करते थे और रजिस्ट्रेशन चार्ज, प्रोसेसिंग फी, कुरियर चार्ज आदि के नाम पर कुछ राशि वसुलते थे एवं ओ एल एक्स पर भी फर्जी नौकरी देने के नाम पर विज्ञापन डालकर अपना फर्जी नंबर डालकर लोगों से साईबर ठगी किया जाता था। इनलोगों के पास से बरामद सभी मोबाईल का अवलोकन करने में पाया गया कि सभी के मोबाईल पर कई अलग-अलग नंबरों से बातचीत किया गया है एवं व्हाट्सएप पर चैट कर नौकरी के नाम पर अलग-अलग दस्तावेज की मांग की गई है और कई लोगों के द्वारा शैक्षणिक योग्यता प्रमाणपत्र व अंक पत्र भेजा हुआ है एवं इनके द्वारा पैसे के प्राप्ति हेतु QR Code और Scanner भेजा हुआ है और कई लोगों का पेमेंट का स्क्रीनशॉट भी पाया गया है। उक्त सभी व्यक्तियों द्वारा एक गिरोह के रूप में काम कर उत्तर प्रदेश बिहार पश्चिम बंगाल समेत विभिन्न जगह ऑन लाइन के लोगों को जब देने के नाम पर विज्ञापन या कॉल के माध्यम से पैसे लेकर साइबर ठगी का शिकार बनाया जाता था। इस संदर्भ में साइबर थाना में आईटी एक्ट दर्ज कर सभी अपराधियों को जेल भेजा गया।