सीबीआई ने मैसर्स डीबी स्टॉक कंसल्टेंसी घोटाला मामले मे तीन और आरोपियों के विरुद्ध पूरक आरोपपत्र दायर किया!

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:- रवि शंकर अमित!

केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो
(सूचना अनुभाग)
5-बी,सी .जी.ओ. कॉम्प्लेक्स
लोधी रोड, नई दिल्ली-110003
प्रेस विज्ञप्ति,
दिनाँक: 19.12.2024

सीबीआई ने मैसर्स डीबी स्टॉक कंसल्टेंसी घोटाला मामले में विशेष सीबीआई अदालत गुवाहाटी के समक्ष तीन और आरोपियों के विरुद्ध पूरक आरोपपत्र दायर किया

केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने असम पोंजी घोटाले में से मामले में आरोपी व्यक्तियों यथा छबीन बर्मन, दीपाली तालुकदार बर्मन एवं मुकेश अग्रवाल के विरुद्ध गुवाहाटी की विशेष सीबीआई अदालत में पूरक आरोप पत्र दायर किया। इन तीनों आरोपियों की गिरफ्तारी के 90 दिनों के भीतर आरोपपत्र दायर किया गया। वे वर्तमान में इस मामले में न्यायिक हिरासत में हैं। पूर्व में आरोपित मोनालिशा दास के विरुद्ध अतिरिक्त सबूत भी पूरक आरोपपत्र के साथ दायर किए गए हैं।

सीबीआई ने असम सरकार के अनुरोध पर मूल रूप से दिनांक 21.08.2024 को पुलिस स्टेशन, पलटन बाजार, गुवाहाटी (असम) द्वारा दीपांकर बर्मन के स्वामित्व वाली डीबी स्टॉक कंसल्टेंसी कंपनी, उसकी करीबी सहयोगी मोनालिशा दास एवं संगठन के 7-8 कर्मियों के विरुद्ध दर्ज मामले की जांच को अपने हाथों में लेकर दिनांक 14.10.2024 को आरसी 221/2024/ई0013 के तहत तत्काल मामला दर्ज कियाl यह आरोप है कि आरोपियों ने कई ग्राहकों से गारंटीड रिटर्न का भरोसा दिलाकर पैसे लिए एवं बदले में सबूत के तौर पर 100 रु. का स्टांप पेपर दिया, लेकिन पिछले तीन महीने से ग्राहकों को पता चला कि भुगतान अनियमित है और कई ग्राहकों को भुगतान नहीं मिला। शिकायतकर्ता ने आगे आरोप लगाया कि उसने एक करोड़ रु. का निवेश किया एवं उसके साथ कई हज़ार ग्राहकों ने संगठन में हज़ारों करोड़ रुपये का निवेश किया, लेकिन कथित आरोपी, ग्राहकों द्वारा निवेश की गई धनराशि लेकर भाग गया।

जांच से पता चला है कि दीपांकर बर्मन की स्वामित्व वाली मैसर्स डीबी स्टॉक कंसल्टेंसी, लोगों से उनकी जमाराशि पर उच्च निश्चित रिटर्न के वादे पर जमा स्वीकार कर रही है। कंपनी के मालिक एवं उसके प्रमुख प्रबंधकीय व्यक्ति, पांच अनियमित जमा योजनाओं के नाम पर निश्चित उच्च रिटर्न का वादा करके जमाराशि ले रहे थे। दीपांकर बर्मन की उक्त स्वामित्व वाली कंपनी द्वारा 400 करोड़ रु. से अधिक की जमाराशि ली गई है।

आगे की जांच के दौरान, यह पता चला कि आरोप पत्र में आरोपी मोनालिशा दास ने आरोपियों के साथ मिलकर आपराधिक षडयत्र रचा एवं उच्च रिटर्न के बहाने हजारों जमाकर्ताओं से जमा राशि लेकर उसे न चुका कर धोखाधड़ी की।

छबीन बर्मन ने अपनी पत्नी दीपाली तालुकदार बर्मन एवं बेटे दीपांकर बर्मन के साथ मिलकर जीएमसीएच, गुवाहाटी में एक प्रचार कार्यक्रम में डीबी कंसल्टेंसी की अनियमित जमा योजना को बढ़ावा देने का षडयत्र रचा। छबीन बर्मन ने योजना में जमा राशि को बढ़ावा देने के लिए भाषण दिया एवं अपने बेटे के साथ मिलकर वित्तीय लाभ हेतु योजना चलाई, जिसमें डीबी स्टॉक कंसल्टेंसी और दीपांकर के खातों से धनराशि प्राप्त की गई।

दीपाली तालुकदार बर्मन ने अपने परिवार के साथ मिलकर अनियमित जमा योजना को बढ़ावा देने एवं चलाने में हिस्सा लिया, इस योजना से प्राप्त धनराशि को, उन्होंने निजी लाभ के लिए अचल संपत्ति व अन्य व्यवसायों में निवेश किया।

चार्टर्ड अकाउंटेंट मुकेश अग्रवाल ने दीपांकर बर्मन के साथ मिलकर इस योजना से प्राप्त धनराशि को फर्म के खातों में छिपाने का षडयंत्र रचा। दीपांकर के निर्देशों का पालन करते हुए, मुकेश अग्रवाल ने फर्जी चालान बनाए एवं फर्म की बुकों में अवैध धन को ऋण के रूप में समायोजित किया। उन्होंने झूठे वित्तीय दस्तावेज भी बनाए व दीपांकर बर्मन के लिए आईटी एवं जीएसटी रिटर्न में हेराफेरी की, जिससे अनियमित जमा योजना से प्राप्त धनराशि छिपाने में मदद मिली।

दीपंकर बर्मन सहित अन्य के विरुद्ध आगे की जांच जारी है।

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