भागलपुर से धीरज शर्मा

भागलपुर नगर निगम में आजकल कुछ सही नहीं चल रहा है।ऐसा पहली बार नहीं हुआ है कि जब निगम के अधिकारीयों द्वारा शहर के जनता द्वारा चुने हुए प्रतिनिधियों का उपेक्षा की गई है।ये पहले से भी होता आया है। यहां आने वाले अधिकारियों पर अफसरशाही का ठिकरा पहले भी फोड़ा गया है।

दरअसल निगम क्षेत्र के सात वार्डों में पुराने कुंओं का जिर्णोद्धार सह सोख्ता का निर्माण होना है।इसके लिए नगर आयुक्त द्वारा 5.69 लाख के योजना कि स्वीकृति दे दी गई है। हालांकि यह योजना दो वर्ष पूर्व ही जल जीवन हरियाली योजना के तहत आई थी।लेकिन नगर निगम के लेट लतीफी रवैये की वजह से अटकी हुई थी। इसका टेंडर प्रक्रिया के लिए बातचीत चल रही है। वहीं दूसरी ओर इस योजना कि जानकारी नगर आयुक्त ने मेयर और डिप्टी मेयर को नहीं दी। जिसके बाद मेयर और डिप्टी मेयर का गुस्सा सातवें आसमान पर है।
हालांकि नगर निगम में पहले से ही अधिकारियों और जनप्रतिनिधि के बीच खाई बनी हुई है जिसके वजह से कई ऐसी योजनाएं हैं जिसका सही समय क्रियान्वयन नहीं हो रहा है।ई
इसे अधिकारियों की गलती मानी जाए या जनप्रतिनिधि की यह कहना समझ से पड़े हैं।ऐसी क्या समस्या है जो योजनाओं को सही समय पर धरातल पर आने में अड़चन पैदा करती है।
क्या कहते निगम के प्रतिनिधि
वहीं इसके बारे में मेयर सीमा साह से बात कि गई तो वो गुस्से में दिखी उन्होंने बताया कि उन्हें जनता के द्वारा फोन पर पता चला कि कुआं का जिर्णोद्धार का योजना पास हुई है, जो हमारे वार्ड को भी चाहिए।आगे उन्होंने बताया जब इसके विषय में मैंने अपने कर्मचारी पंकज से पूछा तो उसने बताया कि मैं भूल गया था, मुझे लगा नगर आयुक्त आपको बतायें होंगे। आगे उन्होंने कहा कि जरा सोचिए हम जनप्रतिनिधि हैं जनता के सामने हम जाते हैं लेकिन नगर निगम के अधिकारियों द्वारा हमारे कोई सूचना के ही योजना को पास कर दिया जाता है।एक बार इनके द्वारा पूछना भी उचित नहीं समझा जाता है। ऐसे में जनता को जवाब देना हमको पड़ता है