रिपोर्ट- आशुतोष पांडेय!
भोजपुर
महिला सशक्तिकरण की मिसाल पेश कर रही है आरा की पूजा कुमारी.9 बार नेशनल गेम खेलने वाली पूजा 9 माह के गर्भधारण के बावजूद फील्ड पर डटी है.9 माह के गर्भवती होने पर जहां आम घरेलू महिलाए बिस्तर नही छोड़ती तो वहीं पूजा ना सिर्फ घर से बाहर निकलती है बल्कि भोजपुर आर्चरी एकेडमी भी चलाती है और खुद भी प्रैक्टिस कर एक अलग मिशाल कायम कर रही है.इस बार फिर गुजरात में 9 महीना के गर्भ
पूजा क्यों है चर्चा का विषय
पूजा कुमारी 2013 में भोजपुर आर्चरी एकेडमी जॉइन की उसके बाद से लगातार मेहनत के बल बुते 9 साल से नेशनल आर्चरी खेल रही है.2018 में कटक में हुए 26वा सीनियर महिला नेशनल आर्चरी में खेलते हुए बिहार के लिए पहली बार ब्रॉन्ज मेडल जीत कर लानी वाली महिला है.इस बार 9 माह के गर्भधारण के दौरान ही पूजा गुजरात नेशनल गेम खेल कर हाल ही में वापस लौटी है.पूजा कुमारी को 2019 में खेल दिवस के मौके पर बिहार सरकार 50 हजार नगद,मेडल और प्रस्सति पत्र दे कर सम्मनित कर चुकी है.

सिखाने के साथ खुद करती है प्रैक्टिस
पूजा कुमारी 2013 से आर्चरी गेम खेलती है पहले अपने गुरु व पति नीरज कुमार सिंह से वो इस गेम को सीखती थी उसके बाद धीरे-धीरे इस एकेडमी में बच्चो को सिखाने भी लगी आज के समय मे पूजा कुमारी के द्वारा सिखाये गए लगभग आधा दर्जन खिलाड़ी नेशनल मेडल बिहार के लिए ला चुके है.इस कड़ी में सगे भाई-बहन पूजा रॉय और धीरज रॉय है दोनो ही भाई-बहन पूजा से एकेडमी में सीखते है और दोनों ही बिहार के लिए गोल्ड मेडल ला चुके है.
निशुल्क प्रशिक्षण
पूजा से बातचीत के दौरान ही पास में मौजूद गोल्ड मेडल जीतने वाले एकाडमी के खिलाड़ियों ने बताया कि मैडम हमारे पहुचने के पहले ग्राउंड में पहुंच कर हमारा इंतेजार करती है.हमे कुछ खरीदना होता है और पैसे नही होते है तब वो अपने पॉकेट से पैसा दे कर खेलने वाले सामग्री खरीदती है.और फि के नाम पर आज तक एक रुपया भी नही ली और हमे देखिये हम गोल्ड मेडल तक जीत चुके है.
न्यूज़18 लोकल से बात करते हुए पूजा ने बताया कि 9 बार बिहार के लिए नेशनल गेम खेलने के बाद भी अगर मलाल है तो सिर्फ ये की इंटरनेशनल लेवल हम नही खेल सके.आगे पूजा बताती है कि हम बहुत अच्छा इस गेम को खेलते है उसके बावजूद पैसे और संसाधन की कमी के वजह से इंटरनेशनल गेम नही खेल पाए.
बिहार सरकार से अपील
न्यूज़ 18 लोकल के माध्यम से पूजा ने बिहार सरकार से खुद के नौकरी की मांग की उसने बताया कि 4 साल पहले उसका सलेक्शन बिहार सचिवालय में स्पोर्ट्स कोटा से हुआ था लेकिन चार साल बीत जाने के बावजूद भी उसकी नौकरी नही लग पाई है.अगर नौकरी लग जाती है तो आर्चरी गेम में प्रयोग होने वाले महंगे संसाधन वो खरीद पायेगी और शायद अभी भी इंटरनेशनल गेम खेल पायेगी.
बाइट…. पूजा ( राष्ट्रीय खिलाड़ी )
बाइट… नीरज कुमार सिंह ( कोच )