मुख्यमंत्री ने दिए मुख्य सचिव पंचायत राज को निर्वाचन आयोग से बात कर 1621 शिक्षक आश्रितों को मुआवजा दिलाए जाने का निर्देश!

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:- रजनीश श्रीवास्तव, ब्यूरो प्रमुख, यूपी!

गाइड लाइन में संशोधन करने की कही बात

लखनऊ उत्तर प्रदेश पंचायत चुनावों के दौरान कोरोना संक्रमण से सैंकड़ों शिक्षकों की मौत के मामले को तूल पकड़ता देख अब सीएम योगी आदित्यनाथ ने सख्ती दिखाई है. सीएम योगी आदित्य नाथ ने मुख्य सचिव और अपर मुख्य सचिव पंचायती राज को गुरुवार को आदेश दिया है कि पंचायत चुनाव ड्यूटी के दौरान जिन टीचरों की कोरोना संक्रमण से मौत हुई है उनके परिवार को राज्य निर्वाचन आयोग से बात कर न सिर्फ मुआवजा दिलाया जाए बल्कि परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी भी दी जाए. 
सीएम ने कहा कि चुनाव ड्यूटी के दौरान हुई मौतों को लेकर उन्हें बेहद अफ़सोस है. उन्होंने कहा कि राज्य सरकार की संवेदना ऐसे हर परिवार के साथ है. शिक्षक संगठनों की मानें तो हाल में हुए पंचायत चुनाव में ड्यूटी करने वाले 1,621 शिक्षकों, शिक्षामित्रों और अन्य विभागीय कर्मियों की कोरोना से मौत हुई है. सीएम योगी ने कहा कि चुनाव ड्यूटी करने वाले जो भी व्यक्ति कोरोना के कारण दिवंगत हुए हैं, उन्हें चुनाव आयोग की गाइडलाइन में संशोधन कर मुआवजा और नौकरी दी जानी चाहिए.
सीएम योगी ने कहा- क्योंकि चुनाव आयोग की गाइडलाइंस जब जारी हुई थी उस समय कोरोना नहीं था इसलिए मुख्य सचिव को निर्देश दिए गए हैं कि इलेक्शन ड्यूटी के कारण जिन कर्मियों को संक्रमण हुआ और बाद में जिनकी मौत हुई, उन सभी को नियमानुसार मुआवजा देने के संबंध में चुनाव आयोग से बातचीत की जाए.
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश के बेसिक शिक्षा मंत्री सतीश द्विवेदी ने शिक्षक संगठनों के दावे को बुधवार को सिरे से खारिज कर दिया था. उन्होंने साफ़ कहा था कि स्थापित मानकों के हिसाब से देखें तो चुनाव ड्यूटी के दौरान सिर्फ तीन शिक्षकों की मौत हुई है. इसके अलावा विभाग के सचिव सत्य प्रकाश की तरफ से जारी प्रेस नोट में भी मतगणना में लगे कर्मचारियों के अपने घर से ड्यूटी स्थल तक पहुंचने और फिर ड्यूटी समाप्त कर वापस घर पहुंचने के दौरान सिर्फ 3 कर्मचारियों की मौत को ही सच ठहराया गया था. सिर्फ इन तीन लोगों के परिवारों के लिए ही मुआवजे का भी ऐलान किया गया. जिसको लेकर प्रदेशभर के शिक्षकों में आक्रोश व्याप्त है,
सीएम योगी ने कहा- “प्रदेश सरकार अपने कर्मचारियों को सभी आवश्यक सुविधाएं देने के लिए तत्पर है, विशेषकर, ऐसे समय पर जब उन्होंने चुनाव या अन्य कोई ड्यूटी की है. उन्हें और उनके परिवार को समुचित सहायता उपलब्ध कराने के लिए चुनाव आयोग से विचार विमर्श कर आवश्यक संस्तुतियां देने के लिए अनुरोध किया जाए. चूंकि इलेक्शन कमीशन की गाइडलाइंस पुरानी है, तब कोरोना नहीं था,अतः इस संबंध में नए सिरे से सहानुभुतिपूर्वक विचार की आवश्यकता है.”l

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