रिपोर्ट: अंकित त्रिपाठी
दिनांक: 06/06/2025
महज 6 महीने के भीतर ही पैक्स के लिए फिर से चुनाव कराने की आई नौबत…. बिना किसी सूचना के नामांकन की तिथि को BCO ने छुपाया, गुपचुप तरीके से कराया जा रहा है मतदान, पूर्व पैक्स अध्यक्ष ने लगाया गंभीर आरोप
(पटना/फतुहा): फतुहा ब्लॉक के बाली पंचायत के लिए प्राथमिक कृषि साख समिति यानि पैक्स का चुनाव महज छह महीने के अंदर एक बार फिर से कराने की नौबत आ गई। इस चुनाव के लिए नामांकन तिथि निर्वाचन आयोग ने 30 और 31 मई को निर्धारित किया था। छह महीने पहले निर्वाचित हुए पैक्स अध्यक्ष धीरेन्द्र कुमार ने स्थानीय प्रशासन पर यह आरोप लगाया है कि इस चुनाव की पूर्व सूचना उन्हें नहीं दी गई। धीरेन्द्र का आरोप है कि किसी भी माध्यम से उन्हें नामांकन और चुनाव प्रक्रिया की जानकारी संबंधित अधिकारी या संबंधित कर्मचारी के जरिए नहीं दी गई। वहीं दूसरी ओर फतुहा के सहकारिता पदाधिकारी अमृतेश कुमार धीरेन्द्र के आरोप को खारिज करते हैं। अमृतेश का कहना है कि धीरेन्द्र कुमार को पूर्व सूचना दे दी गई थी। बकौल सहकारिता पदाधिकारी बाली पैक्स के प्रबंधक के द्वारा इस आशय की सूचना धीरेन्द्र कुमार को दी गई है। आपको बता दें कि बाली पैक्स के पुनर्चुनाव की नौबत तब आन पड़ी, जब इस पैक्स के ग्यारह सदस्यीय प्रबंधकारिणी में से सात सदस्यों ने फरवरी महीने में अपने पद से त्याग पत्र दे दिया था। यही वजह है कि निर्वाचन विभाग ने बाली पैक्स का फिर से चुनाव कराने का फैसला किया। लेकिन बाली पैक्स के पूर्व निर्वाचित अध्यक्ष धीरेन्द्र कुमार ने स्थानीय प्रशासन पर स्पष्ट आरोप लगाया है कि इस चुनाव को गुपचुप तरीके से कराया गया है। नामांकन करने का डेट निकल चुका है, अब सिर्फ मतदान और मतगणना का समय ही बचा है। चुकी नामांकन में धीरेन्द्र के प्रतिद्वंदी पप्पू ने ही हिस्सा लिया है, ऐसे में पप्पू का निर्विरोध निर्वाचित होना तय है। सिर्फ घोषणा होना बाकी है। प्रबंधकारिणी समिति को भंग किए जाने की सूचना भी धीरेन्द्र को नहीं दी गई। फतुहा BCO ने ऐसा कोई पावती पत्र मीडिया वालों को नहीं दिखाया, जिससे यह प्रमाणित होता हो कि निवर्तमान पैक्स अध्यक्ष को लिखित सूचना दी गई हो, जबकि पैक्स अधिकारी सूचना दिए जाने की बात पर अडिग हैं। इधर धीरेन्द्र ने भी ठान रखा है कि प्रशासनिक स्तर पर निदान नहीं मिला, तब धीरेन्द्र न्यायालय की शरण में जाएंगे। कुल मिलाकर अगर धीरेन्द्र कुमार की बात सही है तो फिर इसे विभागीय अनियमितता ही कहेंगे।
बाइट(1): धीरेन्द्र कुमार (पूर्व पैक्स अध्यक्ष)
बाइट(2): अमृतेश कुमार (प्रखंड सहकारिता पदाधिकारी )