बैंक आँफ इंडिया के शाखा प्रबंधक पर वित्तीय अनियमितता का बड़ा आरोप!

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रिपोर्टर — राजीव कुमार झा

सीएसपी संचालक एवं स्थानीय लोगों ने की शिकायत पर चल रहा है विभागीय जांच

मधुबनी ज़िला के हरलाखी प्रखंड क्षेत्र अंतर्गत बैंक ऑफ इंडिया विशौल शाखा प्रबंधक पर वित्तीय अनियमितता का गंभीर आरोप लगाया जा रहा है। बैंक के ही एक सीएसपी संचालक और स्थानीय लोगो के शिकायत पर इस बात का खुलासा हुआ है। इस मामले में विभागीय जांच भी चल रही है।
जानकारी के अनुसार विशौल गांव स्थित बैंक आँफ इंडिया शाखा प्रबंधक के द्वारा एक खाताधारी (ऋणी) से ओटीएस (वन टाइम सेटलमेंट) करने के नाम पर 50 हजार रुपये लिए गए। जिसका रिसिप्ट भी ऋणी खाता धारक को दिया गया है। लेकिन ऋणी के खाते में महज 7 हजार रूपए ही जमा किया गया है। जिसके बाद उक्त खाता को बंद भी कर दिया गया। जबकि शेष रुपया खाता मे जमा नही किया गया है। जो वित्तीय अनियमितता को दर्शाता है। जब इस बात की जानकारी ऋणी को हुई तो शाखा प्रबंधक के द्वारा समझौता के लिए ऋणी के घर दौड़ना शुरू कर दिया गया। लेकिन कोई ठोस नतीजा नही निकल पाया। जब शाखा प्रबंधक को पता चला कि ऋणी को बैंक के एक सीएसपी संचालक से नजदीकी है तो उस सीएसपी का गलत रिपोर्ट बैंक के अधिकारी को भेजकर कोड पेंडिंग में डलवा दिया गया। जिससे बीसी का सारा काम ठप हो गया। जिस कारण उमगांव बाजार में करीब 3 महीने से सीएसपी सेंटर बंद है। खाताधारी को जमा निकासी करने में कठिनाई का सामना करना पड़रहा है। इस मामले को लेकर मोहनपुर गांव निवासी बैंक के बीसी रजनीश कुमार ने वरीय पदाधिकारी को लिखित शिकायत भेजकर जांच की मांग की थी। उधर विशौल गांव के रामस्नेही राउत ने भी शाखा प्रबंधक की शिकायत की है। किए गए शिकायत को लेकर विभागीय जांच चल रही है। इस बाबत शाखा प्रबंधक अरुण कुमार ने बताया है कि सारे आरोप बेबुनियाद है। मेरे खिलाफ अभी जांच चल रही है। जांच के बाद सब साफ हो जाएगा। वहीं इस संबंध में बैंक के वरीय अधिकारी कुछ भी बताने से परहेज कर रहे हैं। फोन करने पर भी फोन रिसीव नहीं कर रहे हैं।

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