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खानकाह मुजिबिया में उर्स को लेकर श्रद्धालुओं की उमडी भीड़, मुख्यमंत्री भी हो सकते हैँ शामिल!

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पटना से अमित कुमार की रिपोर्ट

सज्जादानशीं ने चादरपोशी की,प्रदेश और देश के लिए मांगी दूआ

फुलवारी शरीफ : फुलवारी शरीफ खानकाह ए मुजिबिया में इस्लाम धर्म के अंतिम पैगंबर हजरत मोहम्मद स0व0 की जयंती के अवसर पर तीन दिवसीय उर्स को लेकर श्रद्धालुओं की भीड उमड पड़ी है. देश विदेश से सैलानियों का जमावड़ा मेला में आना शुरू हो गया है. खानकाह मुजीबिया और आसपास के इलाके में रौनक बढ़ गई है.पूरे खानकाह परिसर को दुल्हन की तरह सजाया गया है.
इस्लामिक कैलेंडर के मुताबिक ग्यारहवीं तारीख और बारहवीं तारिख को मू-ए मुबारक की जियारत होती है. रविवार को भी खानकाह मुजिबिया में मूए मुबारक की जियारत कराई गई. देश-विदेश से आए अकीदत मंदो ने मुंह में मुबारक की जियारत कर दुआ की दरखास्त की. वहीं खानकाह में रविवार की सुबह हजरत गौस ए आजम के नाम पर कुल फतिहा हुआ जिसमें हजारों से अधिक श्रद्धालु शामिल हुये.इसके बाद महफिल ए समा में कव्वालों ने एक से बढकर एक सुफियाना कलाम पेश कर श्रद्धालुओं को झुमने पर मजबर कर दिया. देर शाम ईदमिल्लादुन नबी का आयोजन किया गया है जिसमें इस्लाम के अंतिम पैगंबर मोहम्मद स0व0 की जीवनी और उनके संदेशों को फैलान के लिए बात हुयी.देर शाम खानकाह मुजीबिया के सज्जादानशीं हजरत सैयद शाह आयातुल्लाह कादरी ने खानकाह मुजिबीया के संस्थापक ताजुलआरफीन पीर मुजीबउल्लाह कादरी के मजार पर चादरपोशी की और प्रदेश और देश में आपसी सौहार्द ,भाइचारा कायम रहने की दुआ मांगी.वहीं खानकाह मुजीबिया में सोमवार को बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार भी चादर पोशी करने को पहुंचेंगे.इस दौरान विधि व्यवस्था को बनाये रखने के लिए विशेष व्यवस्था की गई है.वहीं सालाना उर्स मेला में हर तरह के दुकानें सजी हैं लोग खरीदारी कर रहे हैं. वही पटना के एसडीएम सदर गौरव कुमार डीएसपी फुलवारी शरीफ सुशील कुमार थाना अध्यक्ष मशहूद हैदरी घूम घूम कर मेला परिसर में सुरक्षा व्यवस्था का जायजा ले रहे हैं.

शीश महल में भी हुई मुए मुबारक की जियारत, शामिल हुए पूर्व मंत्री श्याम रजक

फुलवारी शरीफ़. मिल्कीयाना मुहल्ले में रविवार को शीश महल परिसर में मू-ए मुबारक (पवित्र बाल) की जियारत के लिए अकीदतमंदों की भीड़ उमड़ पड़ी. इस्लामी उर्स कमेटी के सैय्यद मुजीबूर रहमान जावेद महमूद और अजीजूर रहमान के द्वारा इस्लामिक उर्स कमिटी, शीशमहल मे “मुए-मुबारक (पवित्र बाल) का जियारत कराया गया. बिहार सरकार के पूर्व मंत्री श्याम रजक ने शीश महल में आयोजित जियारत कार्यक्रम में शामिल होकर मुए मुबारक की जियारत की और लोगों को ईद मिलादुन्नबी की शुभकामनाएं दी.उन्होंने कहा की मुए-मुबारक के जियारत का सौभाग्य प्राप्त हुआ.उर्स में शरीक हुए नगर परिषद अध्यक्ष आफताब आलम ने कहा की फुलवारीशरीफ सहित देश व प्रदेश मे शांति व अमन-चैन की दुआ मांगी गई. सुबह के वक्त में यहां महिलाओं ने भी जियारत की, इसके बाद दोपहर में पुरुषों की जियारत हुई.

300 सौ साल पूर्व खानकाह ए मुजिबिया फुलवारी शरीफ़ पहुंचा मु-ए मुबारक

फुलवारी शरीफ (अजीत कुमार ) : फुलवारी शरीफ के प्रसिद्ध ख़ानकाह ए मुजिबिया में इस्लामिक कैलण्डर के हर माह की ग्यारहवीं को जलसा ए सीरतनबी ख़ानक़ाह मुजीबिया के संस्थापक ताजुल आरफीन हजरत मौलाना पीर मुजीबुल्लाह कादरी रहमतुल्लाह अलैह के मजार पर पीर साहब के द्वारा चादर पोशी एवम रब्बीउव्वल माह की बारहवीं तारिख को मु -ए मुबारक की जियारत होती है.

जानकारों की माने तो इस्लाम धर्म के प्रवतर्क और अंतिम पैगम्बर हजरत मोहम्मद स0अ0व0 के मु- मुबारक (पवित्र बाल ,नख व अन्य समान )सात सौ साल पहले भारत आया जब कि खानकाह मुजिबीया फुलवारी शरीफ में तीन सौ साल से सुरिक्षत है. खानकाह मुजीबीया के प्रबंधक हजरत सैयद शाह मिन्हाजुद्दीन कादरी के अनुसार मुए मुबारक हजरत सैयद कुतुब जमाल बांसवी चिस्ती के पास थी. उनसे हजरत सुफी जिया उददीन चंढ़स्वीं के पास पहंची. फिर उनसे उनके खलीफा हजरत मख्दुम तमीमउल्लाह सफेद बाज चिश्ती जेढ़वली बिहारी तक पहुंची. इसके बाद उनसे उनके खालीफा हजरत मख्दुम समन चिश्ती अरवली तक आयी.फिर इसी तरह पीढ़ी दर पीढ़ी होते हुए खानकाह मुजिबीया के संस्थापक ताजुलआरफीन पीर मुजीबउल्लाह कादरी के पास मुए मुबारक आई और तब से लेकर ख़ानक़ाह मुजिबिया में मुए मुबारक की जियारत होती आ रही है.

इन खानकाहों में है मुए मुबारक

हजरत बल (कश्मीर ), शीश महल (फुलवारीफ), खानकाह मोहम्मदिया कादरिया (अमझरशरीफ) , खानकाह एमदिया मंगल तालाब (पटनासिटी), खानकाह रामसागर (गया ) एवम खानकाह सिमला (रफीगंज) गया

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