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भाकपा माले का घेरा डालो डेरा डालो आंदोलन संतोष जनक वार्ता के साथ समाप्त!

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रिपोर्टर — राजीव कुमार झा

21 सूत्री मांगों को लेकर माले के सैकड़ों समर्थकों ने तीन दिनो से घेर रखा था प्रखंड सह अंचल कार्यालय को

मधुबनी जिले के जयनगर में भाकपा माले द्वारा अंचलाधिकारी के वादा खिलाफी के विरोध में सैकड़ों समर्थकों के साथ अंचल मंत्री भूषण सिंह सिंह के नेतृत्व में 21 सूत्री मांगों के समर्थन मे प्रखंड सह अंचल कार्यालय जयनगर के समक्ष घेरा डालो- डेरा डालो आंदोलन तीसरे दिन जारी रहा। जिलाधिकारी मधुबनी अरविन्द कुमार वर्मा एवं अनुमंडल पदाधिकारी जयनगर वीरेंद्र कुमार के पहल और वार्ता के बाद देर संध्या में अंचलाधिकारी कुमारी सुजाता के द्वारा आंदोलन स्थल पर पहुंच कर संतोष जनक वार्ता के उपरांत देर साम तीसरे दिन घेरा डालो डेरा डालो आंदोलन समाप्त किया गया।
आंदोलन स्थल पर आयोजित सभा को संबोधित करते हुए प्रखंड सचिव भूषण सिंह ने कहा कि भाकपा-माले के द्वारा जनता के स्थानीय जनसमस्याओं के निदान 9 मार्च 2024 से अनुमंडल पदाधिकारी जयनगर एवं प्रखंड व अंचलाधिकारी के समक्ष तथा कोरहिया में अनशन सहित अन्य जनतांत्रिक तरीके से धरना प्रदर्शन व घेरा डालो डेरा डालो आंदोलन के माध्यम से समस्याओं का समाधान करने कि मांग किया जाता रहा हैं। लेकिन प्रखंड विकास पदाधिकारी एवं अंचलाधिकारी जयनगर के द्वारा आश्वासन पर आश्वासन देते आते रहे हैं। जिसके कारण आम जनता दलित गरीब भूमिहीन परिवारों कि समस्याएं और जटिल होती जा रही है। सरकार ने बसेरा योजना 2 के तहत भूमिहीन परिवारों को भूमि मुहैया और बास गीत पर्चा व पर्चाधारी परिवारों को भूमि पर दखल कब्जा दिलाना है और बिहार मे 95 लाख आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों को 72 हजार से निचे आय प्रमाण -पत्र बनाने के शर्त पर परिवारों को उन्नति व रोजगार के लिये 2 लाख अनुदान देना है। लेकिन अंचलाधिकारी के द्वारा 1 लाख रुपये से उपर का आय प्रमाण-पत्र बनाया जा रहा हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में दर्जनों उप स्वास्थ्य केंद्र सह हेल्थ एंड वेलनेस सेंटर बंद है और उपाधीक्षक कुमार रौनित अनुमंडल अस्पताल जयनगर के द्वारा कागज पर ही चालू दिखा कर राशियों कि गोलमाल करते रहे हैं। जिसके कारण जयनगर मे दर्जनों अबैध नर्सिंग होम फल-फूल रहा और उपचार के दौरान प्रत्येक सप्ताह मरीजों को मौत का शिकार होना पड़ रहा है। स्मार्ट प्रीपेड विद्युत मीटर संवेदक के द्वारा जबरन लोगों के घर में लगाया जा रहा है। महिला समूहों से जबरन कर्ज वसूली करने के कारण आत्महत्या करने और घर छोड़ने पर मजबूर है। अपराधी घटनाएं में वृद्धि हो रहा है। भूमि सर्वे प्रत्येक गाँव – मौजा के साथ साथ अंचल मुख्यालय में भी स्थाई रूप से करने की जरूरत है अंचल के हल्का कर्मचारियों को आवास व हल्का चलाने के लिए मुख्यालय में कार्यालय देने की जरूरत है। शहर व ग्रामीण क्षेत्रों में जल जमाव का स्थाई निदान करने सहित अन्य मांगों को लेकर घेरा डालो डेरा डालो आंदोलन दिन रात धुप-वर्षा भुख और प्यास से मुकाबला करते हुए तीन दिनों से आंदोलन जारी रहा। 72 हजार से निचे आय प्रमाण-पत्र बनाने के लिये 1780 आवेदन लोगों ने जमा किए हैं। आंदोलन स्थल पर ढोल-ताशा बजा कर जनवादी गीत भी आंदोलनकारियों ने प्रस्तुत किया। अनुमंडल पदाधिकारी जयनगर के द्वारा आंदोलन स्थल के लिए प्रतिनियुक्त प्रभारी चिकित्सा पदाधिकारी डॉक्टर रवि भूषण प्रसाद एवं थानाध्यक्ष अंकुर कुमार को सुरक्षा व स्वास्थ्य व्यवस्था करने हेतु पत्र निर्गत करने के बावजूद आंदोलन स्थल पर अनुपस्थित देखा गया है। भाकपा- माले इस जनविरोधी व कर्तव्यहीन उक्त पदाधिकारियों के उपर कठोर कार्रवाई करने कि मांग करती हैं। और अपने 21 सूत्री मांगों पर 10 दिनों के अंदर उचित निदान नहीं करने पर फिर से अनिश्चितकालीन आंदोलन चलाने की चेतावनी प्रशासन को दिया।
आंदोलन में मुख्य तौर पर प्रखंड सचिव भूषण सिंह, रशीद अंसारी, शौकत अली, तस्लीम मुस्तफा, शिवो देवी, मुमताज, रामु पासवान, तैयब, जागेश्वर राम, सीताराम राम, महेश्वर पासवान, प्रदीप साफी, जहाना खातुन, मुमताज, विनीता देवी, फुल कुमारी देवी, रानी देवी, महेंद्री देवी, पहाड़ी सदाय सहित सैकड़ों समर्थकों ने भाग लिया।

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