गन फैक्ट्री का मोतिहारी पुलिस ने किया पर्दाफाश, कई हथियार व बनाने के सामान समेत चार गिरफ्तार!

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रिपोर्ट- धर्मेंद्र कुमार!

मोतिहारी के पलनवा थाना क्षेत्र में चल रहे गन फ़ैक्ट्री का पुलिस ने ख़ुलासा किया है, गन फै़क्टरी संचालन से जुड़े चार तस्करों को पुलिस ने गिरफ़्तार किया है, वहीं उनके पास से कार्रवाईन, पिस्टल, देशी कट्टा, गोली, मैग्जीन हथियार बनाने वाला मशीन और रो मटेरियल भी बरामद किया है, उन तस्करों से जुड़े अन्य लिंक को पुलिस जोड़कर उन तक पहुँचने का प्रयास कर रही है
दरअसल पलनवा के थानाध्यक्ष सीता केवट को ग्रामीण सूत्रों से सूचना मिली की पलनवा थाना क्षेत्र के गाद सीरिसिया के पंकज सिंह और राजेश्वर सिंह मुर्गी फ़ॉर्म के आर में गन फैक्ट्री का संचालन करता है, सूचना मिलने के साथ ही थानाध्यक्ष ने इसकी सूचना एसपी स्वर्ण प्रभात को दी, एसपी ने तुरंत रक्सौल SDPO धिरेन्द्र कुमार के नेतृत्व में पलनवा, भेलाही और रामगढ़वा थानाध्यक्ष के साथ SIT का गठन करते हुए पूरे गिरोह का ख़ुलासा करने का निर्देश दिया, SDPO ने 12 घंटे की लगातार छापेमारी के दौरान पूरे गिरोह का ख़ुलासा करते हुए भारी मात्रा में हथियार सहित हथियार बनाने वाला सामान बरामद किया है,
एक वर्ष पहले सुरु हुआ था फॉर्म
मिली जानकारी के अनुसार पंकज सिंह ने एक वर्ष पहले गांव में यह कह कर फॉर्म खोला की मुर्गी पालन करेंगा, लेकिन उसके बाद से उसने फॉर्म में कभी मुर्गी रखा ही नहीं, इस बात को ले कर गांव के लोगो को शक हुआ की फॉर्म तो खुला लेकिन इसने कभी बच्चा रखा ही नहीं गया, ऐसे में लोगो का आना जाना लगा रहता है, इसी को देखते हुए इसकी सूचना पुलिस को दी जिसके बाद पुलिस ने कार्यवाई कर खुलासा किया है, पुलिस को ग्रामीण सूत्रों से मिली जानकारी के आधार पर कार्यवाई करते हुए खुलासा किया है, मुंगेर से आते मिस्त्री
जाँच में पुलिस को पता चला कि मुंगेर में पुलिस दबिश के कारण वहाँ हथियार बनाने में तस्करों को परेशानी होती थी इसको लेकर सुरक्षित एरिया समझते हुए यहाँ लाकर अपना पूरा सेटअप बिठाया, मुंगेर के नैयार ने मिस्त्री से ले कर हथियार बनाने का सामान और उपकरण उपलब्ध कराया, हथियार तैयार होने के बाद उसे पड़ोसी देश नेपाल बिहार के विभिन्न ज़िलों सहित कलकत्ता और लुधियाना तक सप्लाई करते थे पुलिस को कलकत्ता और लुधियाना क़ाबिल लिंक प्राप्त हो गया है जिसके आधार पर आगे की कार्रवाई कर रही है ज़ब्त किए गए हथियारों में कार्बाइन पिस्तौल और कट्टा के अलग अलग रेट है, जैसे की कारबाइन डेढ़ से दो लाख रुपया में उपलब्ध कराते थे, पिस्टल 40 से पचास हज़ार में तो वही कट्टे की क़ीमत 5-10 हजार रुपये में उपलब्ध करता था, हथियार के सप्लाई में और कौन कौन लोग शामिल हैं इन तमाम लिंक को पुलिस अलग अलग तरीक़े से तलाश कर रही है, वहीं पंकज सिंह से जुड़े तमाम लोगों की हिस्ट्री पुलिस खंगाल रही है, उसकी बात किस किस से होती थी कौन लोग उसके संपर्क में थे उनका क्या बैक हिस्ट्री है इन तमाम चीज़ों पर पुलिस बड़ी बारीकी से काम कर रही है, जहा तक मुर्ग़ी फ़ार्म की बात है उसका मालिक पंकज सिंह ही है,
पंकज सिंह का पूर्व का आपराधिक इतिहास रहा है
पुलिस सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पंकज सिंह पर 2006 में गाँव के ही किसू सिंह की हत्या का आरोप लगा था जिसमें निचली अदालत ने वर्ष 2009 में इसे उम्रक़ैद की सजा सुना दी थी जिसके बाद ऊपरी अदालत में अपील करने के बाद बेल पर बाहर आया था।
दो वर्ष पहके हुआ था नैयार से हुई पंकज की मुलाक़ात
सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार पंकज और मुंगेर का नैयर की मुलाक़ात दो वर्ष पहले पटना में एक शादी समारोह में हुई, दोनों की दोस्ती बढ़ी, इस दौरान नैयर ने उसे गन फ़ैक्ट्री लगाने का तरकीब बताया जो पंकज को अच्छा लगा और कम समय में बड़ा पैसा कमाने का भरोसा दिलाया, जिसके बाद उसने अपने ही दरवाज़े पर मुर्ग़ी फ़ार्म के आर में गन फ़ैक्ट्री का निर्माण किया फिर वहाँ से हथियार बनाकर चारों तरफ़ सप्लाई शुरू किया इस पूरे तस्करी का काम नैयर ख़ुद संभालता था, मिस्त्री से लेकर सप्लाई तक की ज़िम्मेवारी उसी की थी.
बाइट :——पुलिस अधीक्षक स्वर्ण प्रभात।

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